आयकर की धारा 194 Q (माल की खरीद पर आयकर टीडीएस का नया प्रावधान )

टीडीएस रिटर्न की निर्धारित तिथि निम्न प्रकार से है।

तिमाही समाप्ति निर्धारित तिथि
जून                      31 जुलाई
सितम्बर               31 अक्टूबर
दिसंबर                31 जनवरी
मार्च                         31 मई

टीडीएस कब जमा कराया जाना है ।  :-

 टीडीएस माह समाप्त होने के 7 वें दिन तक जमा करना होता है। जिसमे कि 1 जुलाई 2021 से यह प्रावधान लागू हुआ है कि पहला  टीडीएस कर 7 अगस्त 2021 तक जमा कराना है । और इसके बाद हर माह की समाप्ति के अगले माह के 7 वें दिन तक जमा करना होगा।  और अब मार्च माह का टीडीएस 30 अप्रैल तक जमा करना होगा। यदि .ऐसा नहीं करते है। तो आपको नियमानुसार ब्याज का भुगतान करना होगा जैसा कि देरी से जमा कराये गए टीडीएस के साथ होता है।

माल’ की खरीद पर टीडीएस का नया प्रावधान लागू हो रहा है । जिसके तहत अब  माल के क्रेता को अपने विक्रेता से माल की खरीद पर एक निश्चित प्रतिशत से टीडीएस की कटौती करनी होगी।   पिछले वर्ष माल की बिक्री पर टीसीएस के प्रावधान धारा 206(C)(1H) के द्वारा लागू किए गए थे  और 194 Q के टीडीएस के प्रावधान इन्ही टीसीएस के प्रावधानों से मिलते जुलते है परंतु थोड़ा सा अलग है।

धारा 206(C)((1H) और 194 Q के टीडीएस के प्रावधान से इन प्रावधानों का कोई सम्बन्ध नहीं है ।  जिसका कोई व्यावहारिक महत्व नहीं है लेकिन ये दोनों एक से प्रावधान आपस में एक भ्रम तो पैदा कर ही रहें है।

 धारा 194 Q किन पर लागू होती है।  :-

ऐसे खरीददारों का जिसका बीते हुए वर्ष में टर्नओवर, सकल प्राप्तिया बिक्री 10 करोड़ रूपये से अधिक था। और  यह टीडीएस की धारा 194Q उन पर लागू होगी। 31 मार्च 2021 को जो वर्ष समाप्त हुआ है उस वर्ष में जिन क्रेताओं का टर्नओवर 10 करोड़ रूपये  से अधिक था उन्ही को अपने  निवासी  विक्रेता से एक वितीय वर्ष में 50 लाख रूपये से ऊपर की खरीदपर टीडीएस काटना होगा। यह टीडीएस पहले 50 लाख रुपये पर नहीं लगेगी ।  शेष रकम पर काटा जाना है ।

See Also  इंकम टैक्स एक्ट 1962 के अनुसार आमदनी के पाँच स्रोत FIVE HEAD OF INCOME AS PER INCOME TAX ACT 1962

इसलिए यदि किसी क्रेता का टर्नओवर 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष में 10 करोड़ रूपये से कम है । तो उन्हें इस प्रावधान का पालन नहीं करना पड़ेगा, इस प्रकार जायदातर  खरीददार करदाता टीडीएस के इस प्रावधान के बाहर ही रहेंगे

ऐसे  क्रेता जो कि धारा 194Q के टीडीएस काटने के उत्तरदायी है । जिन क्रेता का 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष को टर्नओवर 10 करोड़ रूपये से अधिक रहता है  वे ही इस धारा 194Q के तहत टीडीएस काटने के उत्तरदायी होंगे।

ऐसे रकम जिन  पर टीडीएस काटना है :-

यह टीडीएस एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख रूपये से ऊपर की रकम पर ही कटना है । अर्थात यदि खरीद 97  लाख रूपये की है तो  क्रेता को टीडीएस सिर्फ 50 लाख रूपये  के ऊपर की रकम पर अर्थात 4 7 लाख रूपये पर ही काटना पड़ेगा।इसमे  हर वर्ष जो  टीडीएस इस धारा के तहत काटना बनता है तो हर वर्ष पहले हर विक्रेता का  50 लाख रूपये को छोड़कर ही काटना होगा ।

उदाहरण –

यदि एक क्रेता ने एक विक्रेता से कई बार  में प्रत्येक बार 50  लाख रुपये का माल खरीदता है तो इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में मान लीजिये उसने कुल 280.00 लाख का माल खरीदा तो अब उसे उसमें से 50 लाख रुपये  घटा कर कुल 230.00 लाख रुपये पर ही टीडीएस काटना है । .

 यह 50 लाख रूपये की सीमा एक वित्तीय वर्ष के लिए है यानि कि  इसलिए अब जब यह प्रावधान 1 जुलाई 2021 से लागू हो रहा है तो टीडीएस तो आपको 1 जुलाई 2021 के बाद की खरीद पर ही काटना है लेकिन 50 लाख की सीमा लगाते  समय 1अप्रैल 2021 से खरीद को भी गणना में लेना पड़ेगा ।

See Also  एकाउंटिंग इनफार्मेशन सिस्टम (accounting information system)

श्याम  एक क्रेता है जो राम  नामक एक विक्रेता से 70 लाख रूपये का माल खरीदता है।  श्याम  (क्रेता) का 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष में वार्षिक टर्नओवर 15 करोड़ रुपये है।  और राम  (विक्रेता) का वार्षिक टर्नओवर भी इसी अवधि में 20 करोड़ रूपये है। माल का भुगतान माल प्राप्त होने के बाद किया जाता है।

यही एक ऐसा उदाहरण है जिसके तहत धारा 194Q और धारा 206 C(1H) दोनों की शर्ते पूरी होती है।  क्यों कि  इसमे क्रेता और विक्रेता दोनों का ही टर्नओवर 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वर्ष के दौरान 10 करोड़ रूपये से अधिक है। और माल की खरीदतथा  भुगतान की राशि  दोनों  50 लाख रूपये से अधिक है ।  पर इस तरह  के व्यवहार पर केवल टीडीएस ही काटा जाएगा जो कि क्रेता द्वारा माल की खरीद के समय काटा जाना है ।  इसमे क्रेता पर टीडीएस के प्रावधान लागू होते है । और टीडीएस काटा जाता है वहां धारा 206C(1H) के तहत माल की बिक्री पर लागू होने वाला टीसीएस लागू नहीं होता है ।

टीडीएस की दर क्या होगी :-

टीडीएस की दर 0.1% होगी अर्थात टीडीएस काटने के योग्य प्रत्येक एक लाख रुपये पर यह राशि 100 रुपये होगी। जिसको हम कह सकते है कि  जितनी  रकम जिस पर टीडीएस काटा जाता हैं।  राशि की गणना निश्चित रकम के पर 0.1% की दर से करनी है,

उदाहरण -1

जैसे यदि क्रेता द्वारा एक वित्तीय वर्ष में  कुल 55,34,400.00 है और यह सारी खरीद 1 जुलाई 2021 के बाद ही है इसमें से 50 लाख रुपये घटाने पर 5,34,400 बनते है तो इस पर टीडीएस की राशि 503.44 रुपये होगी

See Also  जी.एस. टी. अथवा गुड्स एवं सर्विस टैक्स का एक परिचय-

उदाहरण-2 :-

यदि एक क्रेता ने अपने विक्रेता से 80 लाख रूपये का माल खरीदा है तो उसे टीडीएस के रूप में पहले 50 लाख रूपये छोड़ते हुए शेष 30 लाख रूपये 0.1% 3000.00 रूपये टीडीएस काटना है।

पेन नंबर नहीं देने पर टीडीएस की दर 5 % होगी।

इसमे यदि विक्रेता अपना पेन नंबर नहीं देता है । या फिर गलत देता है तो टीडीएस की यह दर 5 % होगी लेकिन  क्यों कि इस समय पेन नंबर तो लगभग सभी डीलर्स के पास होते ही है लेकिन यदि किसी क्रेता के पास विक्रेता के पेन नंबर नहीं है तो फिर इस टीडीएस की दर 0.1% की जगह 5 प्रतिशत हो जायेगी। जो सामान्य से बहुत ज्यादा होगी। सामान्य  स्तिथी में जहाँ जिस व्यक्ति का टीडीएस काटा जाना है उसके पेन नंबर नहीं देने पर 20 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है लेकिन धारा 194Q के तहत पेन नम्बर नहीं देने पर यह दर बढ़ कर  5 प्रतिशत होगी।

 इस लेख को लिखते समय पूरी सावधानी रखी गई है लेकिन फिर भी यदि इसमे कोई गलती होती है तो  इसमें सुधार के लिए सुझाव भेजने का कष्ट करें।

हमारी Hindi law notes classes के नाम से video भी अपलोड हो चुकी है तो आप वहा से भी जानकारी ले सकते है। कृपया हमें कमेंट बॉक्स मे जाकर अपने सुझाव दे सकते है।और अगर आपको किसी अन्य पोस्ट के बारे मे जानकारी चाहिए तो आप उससे संबन्धित जानकारी भी ले सकते है।

7 thoughts on “आयकर की धारा 194 Q (माल की खरीद पर आयकर टीडीएस का नया प्रावधान )”

  1. उदाहरण -1

    जैसे यदि क्रेता द्वारा एक वित्तीय वर्ष में कुल 55 ,34,400.00 है और यह सारी खरीद 1 जुलाई 2021 के बाद ही है इसमें से 50 लाख रुपये घटाने 2,34,400.00 बनते है तो इस पर टीडीएस की राशि 500234.00 रुपये होगी

    कृपया उपरोक्त उदाहरण को एक बार चेक कर लीजिए क्यों की ये गलत लग रहा है 5534400 में से 5000000 घटाने पर 534400 शेष राशि बचेंगे और इस पर TDS 0.1% 534.4 बनता है।

  2. सर अगर विक्रेता खरीदार को चालान टीसीएस काट कर दे रहा है और खरीदार की पिछले साल का कारोबार 10 करोड़ से ऊपर है (खरीदार की दायित्व बनत है टीडीएस काटने की) लेकिन वित्तीय वर्ष है मैं भी सेलर टीसीएस काट कर दे रहा है तो हम सेलर द्वारा दिए गए इनवॉइस पर टीडीएस कट सकता है या नहीं।

Leave a Reply to Team Hindi Law Notes Cancel reply