जैसा की आप सबको पता ही है कि भारत का संविधान (Constitution of India) अनुच्छेद(article) 255 से 257 तक हम पहले ही वर्णन कर चुके हैं। इस पोस्ट पर हम भारत का संविधान (Indian constitution) अनुच्छेद (article) 252 से 254 तक आप को बताएंगे अगर आपने इससे पहले के अनुच्छेद नहीं पढ़े हैं ।तो आप सबसे पहले उन्हें पढ़ ले जिससे कि आपको आगे के अनुच्छेद पढ़ने में आसानी होगी।
भारतीय संविधान अनुच्छेद 255
इस अनुच्छेद में सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना इस संबंध में बताया गया है।
इसके अनुसार संसद का या फिर किसी राज्य की विधायिका का कोई भी अधिनियम है और ऐसे किसी अधिनियम में कोई यदि प्रावधान है जो कि केवल इस कारण से अमान्य नहीं होगा कि इस संविधान के द्वारा आवश्यक जो कुछ भी सिफारिश है या फिर पूर्व मंजूरी नहीं दी गई है यदि अधिनियम को सहमति दी गई थी।
राज्यपाल की सिफारिश की आवश्यकता थी और राज्यपाल या राष्ट्रपति के द्वारा
जहां पर राजप्रमुख की सिफारिश की आवश्यकता थी या तो राजप्रमुख या राष्ट्रपति के द्वारा
जहां पर राष्ट्रपति की सिफारिश पिछली मंजूरी की आवश्यकता थी वहां पर राष्ट्रपति अध्याय 2 प्रशासनिक संबंध जनरल के द्वारा ऐसा अधिनियम और ऐसे अधिनियम का कोई उपबंध केवल इस कारण अविधि मान्य नहीं होगा कि संविधान के द्वारा अपेक्षित कोई सिफारिश नहीं की गई थी या फिर पूर्व मंजूरी नहीं दी गई थी।
अनुच्छेद 256
अनुच्छेद के अनुसार राज्यों की और संघ की बाध्यता को बताया गया है
इसके अनुसार प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका शक्ति का इस प्रकार उपयोग किया जाएगा जिससे कि संसद के द्वारा जो भी विधि बनाई गई है उन सभी विधियों का और ऐसी विद्वान विधियों का जो उस राज्य में लागू हो रही हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित रूप से हो सके और संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार किसी राज्य को ऐसे निर्देश देने तक होगा जो कि भारत सरकार को उस प्रयोजन के लिए आवश्यक प्रतीत हो।
अनुच्छेद 257
अनुच्छेद के अनुसार भारतीय संविधान अनुच्छेद 257 (1) जो कि प्रत्येक राज्य की कार्यपालिका की शक्ति का प्रयोग के बारे में बताता है वह कहता है कि इसका प्रयोग इस प्रकार से किया जाएगा जिससे कि यह संघ की कार्यपालिका शक्ति के प्रयोग में कोई बाधा ना हो और ना ही उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़े साथ ही साथ केंद्र सरकार आवश्यकता अनुरूप राज्य सरकार को इस संबंध में निर्देश दे सकती है।
यदि राज्य सरकार अनुच्छेद 257 एक के तहत केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए आदेश का पालन करने में असफल रहती है या फिर उसे प्रभावी रूप से लागू कराने में असफल रहती है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति को संबंधित राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार होता है।
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