राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों पर आधारित  केस ला –

क्या मौलिक अधिकार डीपीएसपी से ऊपर हैं या डीपीएसपी मौलिक अधिकार की तुलना में उच्च स्थान लेते हैं, यह वर्षों से तर्क का विषय रहा है।

कुछ महत्वपूर्ण न्यायिक घोषणाएं हैं जिससे  प्रश्न का उत्तर निकालने का  प्रयास किया गया है । वे इस प्रकार हैं।

केरल शिक्षा बिल

इस मामले में कोर्ट ने कहा कि अगर मौलिक अधिकार और डीपीएसपी के बीच टकराव पैदा होता है। तो ऐसे स्थित मे दोनों के बीच सामंजस्य नहीं बिगाड़ना चाहिए।  लेकिन अगर व्याख्या के सिद्धांतों को लागू करने के बाद भी संघर्ष हल नहीं होता है, तो पहले वाले को बरकरार रखा जाना चाहिए और अधिक महत्व दिया जाना चाहिए।

मद्रास बनाम चंपकम

यदि कोई कानून भारतीय संविधान के भाग III के तहत उल्लिखित प्रावधानों के उल्लंघन में है, तो इसे शून्य माना जाएगा लेकिन यह डीएसपी के मामले में लागू नहीं है। इससे पता चलता है कि जहां तक इस मामले का संबंध है, मौलिक अधिकार डीएसपी की तुलना में अधिक ऊंचे हैं।
वेंकटरमन बनाम मद्रास राज्य

इस मामले में कोर्ट ने  डीपीएसपी पर मौलिक अधिकारों को अधिक महत्व दिया।

आई सी गोलकनाथ और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य

कोर्ट ने कहा कि संसद देश के लिए कोई कानून या नीति बनाने में मौलिक अधिकारों में कटौती नहीं कर सकती है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि संविधान के भाग IV के आर्टिकल 39 (b) और आर्टिकल 39 (c) को प्रभावी बनाने के लिए कोई कानून बनाया गया है और ऐसा करने में यदि आर्टिकल 14, आर्टिकल 19 या आर्टिकल 21 का उल्लंघन होता है, तो यह नहीं हो सकता है कि केवल ऐसे उल्लंघन के आधार पर शून्य घोषित किया जा सकता है।

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केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  डीपीएसपी को मौलिक अधिकारों की तुलना में उच्च पद पर रखा था।

उसके बाद, मिनर्वा मिल्स बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया के मामले में, कोर्ट ने फैसला करते हुए कहा कि दोनों के बीच सामंजस्य बनाए रखा जाना चाहिए क्योंकि दोनों में से किसी की एक दूसरे पर कोई पूरक नहीं है। दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और राज्य के समुचित कार्य के लिए उन्हें किसी भी तरह संतुलित किया जाना चाहिए।

उन्नीकृष्णन बनाम आंध्र प्रदेश राज्य

इस मामले मे कोर्ट का विचार था कि मौलिक अधिकार और निर्देशक सिद्धांत अनन्य (एक्सक्लूसिव) नहीं हैं।  बल्कि यह  एक दूसरे के पूरक हैं।इस मामले मे  कोर्ट ने कहा कि मौलिक अधिकार वे तरीके हैं जिनके माध्यम से भाग IV में दिए गए लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।

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