यूपी जनसंख्या नियंत्रण कानून (UP Population Control Law) 2022:

एक झलक —

 नाम                  यूपी जनसंख्या कानून
आरम्भ की गई  उत्तर प्रदेश सरकार
वर्ष                       2022
लाभार्थी               उत्तर प्रदेश के नागरिक
आवेदन की प्रक्रिया ———
उद्देश्य जनसंख्या को नियंत्रित करना
लाभ दो या दो से कम बच्चों वाले अभिभावकों के लिए प्रोत्साहन
श्रेणी राज्य सरकारी योजनाएं
आधिकारिक वेबसाइट        http://upslc.upsdc.gov.in/

उत्तर प्रदेश के राज्य विधि आयोग द्वारा यूपी जनसंख्या कानून तैयार किया गया है.  जिसके माध्यम से राज्य में जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगायी जा सकेगी। उत्तर प्रदेश की जनसंख्या दुनिया के कई राज्यों से अधिक है, जिसके कारण राज्य के नागरिकों को उचित संसाधन उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाता है। इसी समस्या को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा यूपी जनसंख्या कानून लाया गया है।

 इस प्रस्ताव को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा चुका है, जिससे राज्य के नागरिक इस प्रस्ताव को पढ़ सकेंगे। राज्य विधि आयोग द्वारा राज्य के नागरिकों से 19 जुलाई 2021 तक इस प्रस्ताव के लिए राय मांगी गयी है। नागरिकों को द्वारा दी गयी राय को राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। नए जनसंख्या नीति  के तहत राज्य में जिस अभिभावक के दो या दो से कम बच्चे होते हैं, तो उनको राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाएगी। यदि किसी अभिभावक के दो से अधिक बच्चे होते हैं, तो उनको सरकार द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाओं से वंचित रखा जायेगा। यदि इस प्रस्ताव को लागू करने पर जो नागरिक जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण में सहायता करेंगे, तो राज्य सरकार द्वारा उनको प्रोत्साहन दिया जायेगा।

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इसमे —

    दो से अधिक बच्चे होने की स्थिति में सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से लेकर स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने तक पर रोक लग सकती है।

  इस प्रस्ताव में कानून का उल्लंघन करने वाले नागरिकों को 77 सरकारी योजनाओं और अनुदान से वंचित भी किया  जा सकता है।

    बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवारों को एक बच्चा होने पर विशेष प्रोत्साहन सुविधाएं प्रदान की गई है।

 77 हजार  रुपए लड़के के लिए एक बच्चा होने पर और लड़की के लिए एक लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

इस सुविधा का लाभ उन माता-पिता को प्राप्त होगा जो एक बच्चा होने के पश्चात ऑपरेशन करा लेते है।

 एक बच्चा होने पर लड़के को 20 साल तक मुफ्त शिक्षा और लड़की को उच्च शिक्षा प्राप्त होने तक मुफ्त शिक्षा सुविधा प्रदान की जाएगी।
    साथ ही उच्च उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति एवं सरकारी नौकरियों की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

    उन सरकारी कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा बहुत से फायदे प्रदान किये जायेगे, जिनकी दो संतान होंगी। दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ सरकारी कर्मचारी के द्वारा अपनी सर्विस पूर्ण करने की स्थिति में सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त 12 महीने का मातृत्व व पितृत्व अवकाश पूर्ण वेतन और भत्ते के साथ दिया जायेगा। इसके अंतर्गत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा तथा जीवनसाथी का बीमा भी सरकार द्वारा किया जायेगा।

  राज्य सरकार द्वारा एक बच्चे वाले सरकारी कर्मचारी को चार अतिरिक्त इन्क्रीमेंट प्रदान किया जाएगा।

 प्रदेश सरकार प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट और पीएफ में एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन बढ़ाने आदि सेवाओं का लाभ भी सरकारी कर्मचारी को प्रदान करेगी।

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जिन माता-पिता के दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। अब राशन कार्ड में परिवार के 4 सदस्यों के नाम ही दर्ज होंगे।

जो नागरिक सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं, उन्हें इस आशय का एक हलफनामा देना होगा कि वे कानून नहीं तोड़ेंगे।

दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर रोक। यदि दो से अधिक बच्चे हैं तो ऐसे नागरिकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा।

अगर किसी नागरिक के दो बच्चे हैं और दोनों विकलांग हैं और वे तीसरे बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में वे बच्चे को गोद ले सकते हैं, उस पर कोई रोक नहीं है। और ऐसे में तीसरे बच्चे को भी सभी सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा.

यदि कानून लागू हो जाता है और कोई महिला प्रसव के दौरान जुड़वां बच्चों को जन्म देती है तो ऐसी स्थिति में वह कानून के दायरे में नहीं आएगी।

उत्तर प्रदेश नई जनसंख्या नीति के लाभ —-

    राज्य विधि आयोग ने New Jansankhya Niti (नई जनसंख्या नीति )प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश राज्य की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कानूनी उपाय के सुझाव दिए गए हैं।

 जनता द्वारा 19 जुलाई 2021 तक UP Jansankhya Kanoon प्रस्ताव पर राय मांगी गई है, और इसके बाद जनता से प्राप्त हुई राय के अनुसार आयोग एक विचार के बाद इस प्रस्ताव को सरकार को सौंप देगा।

 नई जनसंख्या नीति में दो या दो से कम बच्चे वाले अभिभावक विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्राप्त कर सकेंगे।
    इतना ही नहीं New Jansankhya Niti (नई जनसंख्या नीति )के तहत दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावक बहुत सी सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं से वंचित भी रहेंगे।
    कुल मिलाकर यूपी जनसंख्या कानून प्रस्ताव लागू करने पर सरकार जनसंख्या नियंत्रण का कार्य आसानी से कर पाएगी।

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यूपी जनसंख्या कानून का पालन ना करने पर नुकसान —-

वे सभी नागरिक जो UP New Jansankhya Niti (नई जनसंख्या नीति )का पालन नहीं करेंगे, उन्हें कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें निम्न बताई निराशा का सामना करना पड़ेगा:-

UP नई जनसंख्या नीति का पालन नहीं करने वाले नागरिकों को सरकारी योजनाओं से बाहर किया जा सकता है।

   सरकारी अनुदान का लाभ भी नहीं दिया जाएगा, और उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाएगा।

 वह सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे, और न ही ऐसे सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति नहीं दी जाएगी।

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