जैसा की आप सबको पता ही है कि भारत का संविधान (Constitution of India) अनुच्छेद(article) 240 से 245 हम पहले ही वर्णन कर चुके हैं। इस पोस्ट पर हम भारत का संविधान (Indian constitution) अनुच्छेद (article) 246 से 248 तक आप को बताएंगे अगर आपने इससे पहले के अनुच्छेद नहीं पढ़े हैं तो आप सबसे पहले उन्हें पढ़ ले जिससे कि आपको आगे के अनुच्छेद पढ़ने में आसानी होगी।
भारतीय संविधान अनुच्छेद 246
अनुच्छेद 246 एक के अनुसार संसद के पास संघ सूची जो की सातवीं अनुसूची में सूची एक पर किसी भी वस्तु के संबंध में कानून बनाने की अनन्य शक्ति होती है। इस सूची में संपूर्ण देश के लिए एक समान कानून की आवश्यकता होती है ।जैसे कि प्रविष्ठियां यानी की एंट्री इसमें शामिल है राज्यों को इस क्षेत्र में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है।
खंड 2 तथा 3 में किसी बात के होते हुए भी संसद को एक के अधीन रहते हुए किसी राज्य के विधान मंडल को भी साथी अनुसूची के सूची 3 में जिसमें कि संविधान की समवर्ती सूची कहा गया है उसको प्रगड़ीश किसी भी विषय के संबंध में विधि बनाने की शक्ति है।
खंड 1 और खंड 2 के अधीन रहते हुए किसी राज्य के विधान मंडल को सातवीं अनुसूची के सूची दो में जिसमें कि इस संविधान को राज्य सूची कहा गया है उसको पर गणित किसी भी विषय के संबंध में उस राज्य या फिर उसके किसी भी भाग के लिए एक विधि बनाने की अनन्य शक्ति इसको प्रदान की गई है।
संसद को भारत के राज्य क्षेत्र के किसी ऐसे भाग के लिए जो कि किसी राज्य के अंतर्गत नहीं है वह किसी भी विषय के संबंध में विधि बनाने की शक्ति रखता है। चाहे वह विषय राज्य सूची में हो या फिर राज्य सूची में ना हो।
अनुच्छेद 246a में केंद्र सरकार को यह शक्ति दी गई है कि वह जीएसटी के संबंध में भी कानून बनाएं।
इसमें सीजीएसटी एवं जीएसटी के संबंध में केंद्र को एसजीएसटी के संबंध में राज्यों को पूर्ण शक्ति प्रदान की गई है।
अनुच्छेद 247
इसमें कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना की उपबंध करने की संसद के द्वारा शक्ति को बताया गया है।
इस अध्याय में यह बताया गया है कि किसी भी बात के होते हुए भी संसद अपने द्वारा बनाई गई विधियों के या फिर किसी विद्यमान जो विधि पूर्ण रूप से विद्यमान है जो संघ सूची में प्रवृत्त विषय के संबंध में है उससे अधिक अच्छे प्रशासन के लिए अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का विधि द्वारा उप बंद कर सकता है।
इसके द्वारा संसद को संघ सूची में शामिल किसी भी विषय के संबंध में उसके द्वारा बनाए गए कोई भी कानून या फिर किसी कानून का मौजूदा प्रचलन को बेहतर प्रशासन के लिए कुछ अतिरिक्त न्यायालय की स्थापना करने की शक्ति प्रदान करता है।
अनुच्छेद 248
अनुच्छेद 248 एक में यह कहा गया है कि संसद को ऐसे सभी विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है जिनका उल्लेख राज्य व समवर्ती सूची में नहीं है यानी कि हम यह भी कह सकते हैं कि जो अवशिष्ट शक्तियां हैं जो केंद्र सरकार के पास में है उस पर संसद को कानून बनाने का अधिकार है।
ऐसी शक्ति के अंतर्गत ऐसे करके अभी रोपड़ के लिए जो उन सूचियों में से किसी में भी वर्णित नही हैं।विधि बनाने की शक्ति है।
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