भारत का संविधान (Constitution of India) अनुच्छेद(article) 241  से 245  तक

जैसा की आप सबको पता ही है कि भारत का संविधान (Constitution of India) अनुच्छेद(article) 235  से 240 हम पहले ही वर्णन कर चुके हैं। इस पोस्ट पर हम भारत का संविधान (Indian constitution) अनुच्छेद (article) 241  से 245 तक आप को बताएंगे अगर आपने इससे पहले के अनुच्छेद नहीं पढ़े हैं तो आप सबसे पहले उन्हें पढ़ ले जिससे कि आपको आगे के अनुच्छेद पढ़ने में आसानी होगी।

भारत का संविधान (Indian constitution) अनुच्छेद(article) 241–

Article 241 Constitution of India – High Courts for Union territories —

(1)इसके अनुसार  संसद विधि के  द्वारा किसी संघ राज्यक्षेत्र के लिए उच्च न्यायालय गठित कर सकेगी।  या ऐसे संघ राज्यक्षेत्र में किसी न्यायालय को इस संविधान के सभी या फिर  किन्हीं प्रयोजनों के लिए उच्च न्यायालय घोषित कर सकेगी।

(2) भाग 6 के अध्याय 5 के उपबंध के अनुसार  ऐसे उपांतरणों या अपवादों के अधीन रहते हुए जो कि  संसद विधि द्वारा उपबंधित करे।  खंड (1) में निर्दिष्ट प्रत्येक उच्च न्यायालय के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे अनुच्छेद 214 में निर्दिष्ट किसी उच्च न्यायालय के संबंध में लागू होते हैं।

(3) इस संविधान के उपबंधों के और इस संविधान द्वारा या इसके अधीन समुचित विधान-मंडल को प्रदत्त शक्तियों के आधार पर बनाई गई उस विधान-मंडल की किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए।  प्रत्येक उच्च न्यायालय, जो संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 के प्रारंभ से ठीक पहले किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करता था।  ऐसे प्रारंभ के पश्चात्‌ उस राज्यक्षेत्र के संबंध में उस अधिकारिता का प्रयोग करता रहेगा।

See Also  भारतीय संविधान के अनुसार (अनुच्छेद 73 से 78) तक का वर्णन

(4) इस अनुच्छेद के अनुसार इसमे  किसी बात से किसी राज्य के उच्च न्यायालय की अधिकारिता का किसी संघ राज्यक्षेत्र या उसके भाग पर विस्तार करने या उससे अपवर्जन करने की संसद की शक्ति का अल्पीकरण नहीं होगा।

Article 242  Constitution of India–
भाग 8

अनुच्छेद- 242-

संविधानConstitution (सातवां संशोधन) अधिनियम 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा निरसित किया गया है ।

भाग 9

पंचायत

Article 243   Constitution of India

अनुच्छेद- 243

.परिभाषाएं-

इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

(क) “जिला”( district)से किसी राज्य का जिला अभिप्रेत है ;

(ख) “ग्राम सभा”(Gram Sabha) से ग्राम स्तर पर पंचायत के क्षेत्र के भीतर समाविष्ट किसी ग्राम से संबंधित निर्वाचक(electoral rolls) नामावली में रजिस्ट्रीकृत व्यक्तियों से मिलकर  बना निकाय अभिप्रेत है ;

(ग) “मध्यवर्ती स्तर”(intermediate level) से ग्राम और जिला स्तरों के बीच का ऐसा स्तर  अभिप्रेत है जिसे किसी राज्य का राज्यपाल, इस भाग के प्रयोजनों के लिए, लोक  अधिसूचना द्वारा, मध्यवर्ती स्तर के रूप में विनिर्दिष्ट करे ;

(घ) “पंचायत” से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अनुच्छेद 243ख के अधीन गठित  स्वायत्त शासन की कोई संस्था (चाहे वह किसी भी नाम से ज्ञात हो) अभिप्रेत है ;

(ङ) पंचायत क्षेत्र” से पंचायत का प्रादेशिक क्षेत्र अभिप्रेत है ;

(च) जनसंख्या”  (population)से ऐसी अंतिम पूर्ववर्ती जनगणना में अभिनिश्चित की  गई जनसंख्या अभिप्रेत है जिसके सुसंगत आंकड़े प्रकाशित हो गए हैं ;

(छ) “ग्राम” (village)से राज्यपाल द्वारा इस भाग के प्रयोजनों के लिए, लोक  अधिसूचना द्वारा, ग्राम के रूप में विनिर्दिष्ट ग्राम अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत  इस प्रकार विनिर्दिष्ट ग्रामों का समूह भी है।

See Also  भारतीय संविधान के सभी अनुच्छेद तथा अनुसूचियों का विवरण  | All Articles of Indian Constitution in Hindi

भारत का संविधान (constitution of India) अनुच्छेद(article) 244 —

Article 244  Constitution of India —

अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन( Administration of Scheduled Areas and Tribal Areas)–

(1) पाँचवीं अनुसूची के उपबंध [असम, [[मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम]] राज्यों] से भिन्न किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए लागू होंगे।
(2) छठी अनुसूची के उपबंध [असम, [[मेघालय, त्रिपुरा] और मिजोरम राज्यों] के] जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के लिए लागू होंगे।

संविधान के अनुच्छेद 244(2) Article 244  Constitution of India subsection 2 —

के अन्तर्गत छठी अनुसूची पूर्वोत्तर में उन क्षेत्रों से संबंधित है जिन्हें ‘जनजातीय क्षेत्र’ के रूप में पुनः घोषित किया गया है और ऐसे क्षेत्रों के लिए जिला या क्षेत्रीय स्वशासी परिषद् का भी प्रावधान है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 71 द्वारा (21-1-1972 से) ”असम राज्य” के स्थान पर प्रतिस्थापित।

मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 39 द्वारा (20-2-1987 से) ”मेघालय और त्रिपुरा” शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।

संविधानConstitution (उनचासवाँ संशोधन) अधिनियम, 1984 की धारा 2 द्वारा ”और मेघालय” के स्थान पर (1-4-1985 से) प्रतिस्थापित।

संविधानConstitution (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा ”पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट” शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया।

मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 39 द्वारा (20-2-1987 से) ”मेघालय और त्रिपुरा राज्यों और मिजोरम संघ राज्यक्षेत्र” शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।

भारत का संविधान (Constitution of India) अनुच्छेद(article) 245 —
Article- 245.Extent of laws made by Parliament and by the Legislatures of States

 इस संविधान( Constitution)के उपबंधों के अधीन रहते हुए संसद (Parliament ) भारत के संपूर्ण राज्य क्षेत्र अथवा उसके किसी भाग के लिये विधि बना सकेगी तथा किसी राज्य का विधानमंडलउस संपूर्ण राज्य अथवा किसी भाग के लिये विधि बना सकेगा।

See Also  अपकृत्य विधि के अंतर्गत मानहानि से आप क्या समझते है? मानहानि के अपवाद क्या है।

 संसद (Parliament )द्वारा बनाई गई कोई विधि इस आधार पर अधिमान्य नहीं समझी जाएगी कि उसका राज्यक्षेत्रातीत प्रवर्तन होगा।

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