जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य profit कमाना ही होता है। और इसके लिए हम तरह-तरह के उपाय करते हैं बिजनेस के लिए बहुत ही जरूरी है कि हम यह ध्यान रखें कि कहां पर प्रॉफिट हो रहा है और कहां पर लॉस हो रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि वह व्यक्ति बिजनेस में पैसा लगाता जा रहा है और उसे लगातार हानि होती जा रही है तो उसे इस बात का ज्ञान होना अति आवश्यक है की प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट क्या होता है और उसको प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट बनाना भी आवश्यक है किसी भी बिजनेस के लिए यह जरूरी होता है कि वह लाभ हानि खाते का विस्तृत अध्ययन करें
लाभ–हानि खाता क्या है? What Is Profit And Loss Account –
Financial Year के अंत में किसी भी व्यवसाय के लिए ट्रेडिंग अकाउंट बनाना बहुत ही आवश्यक होता है। सभी व्यापारी साल के अंत में ट्रेडिंग अकाउंटtrading Account (व्यापार खाता) बनाता है और इस Trading Account से जो Gross Profit या Gross Loss निकल कर आता है तो इसे आगे Profit and Loss Account (लाभ-हानि खाता) में ले जाया जाता है।
Profit and Loss Account में सभी Indirect Expenses (अप्रत्यक्ष व्ययों) को Gross Profit में से घटाया जाता है। और सभी Indirect Income (अप्रत्यक्ष आय) को Gross Profit में जोड़ा जाता है और Net Profit (शुद्ध लाभ) या Net Loss (शुद्ध हानि) का पता लगाया जाता है।
Profit and Loss Account के Debit side उन सारे expenses (खर्चों) को लिखा जाता है जो goods के क्रय-विक्रय से सम्बंधित नहीं होते हैं। प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट में यह जरूरी है कि आए और खर्चों का विस्तृत अध्ययन किया जाए आय और व्यय दोनों को उचित रूप से इस अकाउंट में दर्शाया जाना आवश्यक होता है और इसी से प्रॉफिट होगा या लॉस यह पता चलता है।
लाभ–हानि खाता तैयार करना – Preparation Of Profit And Loss Account –
Profit and Loss Account की शुरुआत Trading Account (व्यापार खाता) में आये हुए Gross Profit या Gross Loss की amount को brought down करने से होती है। वो सारे expenses and losses जो Trading Account में Debit नहीं किये गए हैं उन्हें अब Profit and Loss Account में Debit किया जाता है। इन Expenses में Administration Expenses, Selling Expenses और Distribution Expenses include जुड़े हुए होते हैं जो कि बाद में ये ‘Indirect Expenses’ कहलाते हैं।
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि एक businessman को अपने business को अच्छे से चलाने के लिए बहोत सारे खर्चे करने पड़ते हैं । उन सभी खर्चों को जोकि बिजनेस में खर्चे हुए हैं जरूरी नहीं है कि उनको ट्रेडिंग अकाउंट में दिखाया जाए।जो कि Trading Account में show नहीं किये जाते हैं इसलिए businessman यह जानना चाहता है कि एक Accounting Period में उसे कितना Net Profit या Net Loss हुआ इसके लिए सारे Expenses और Incomes को show करने के बाद दोनों sides का total किया जाता है।
अब अगर Profit and Loss Account का Credit Side Debit Side से ज़्यादा होता है तो difference को Net Profit कहा जाता है। और दूसरी तरफ अगर Debit Side Credit Side से ज़्यादा है तो इस difference को Net Loss कहते हैं। Net Profit को Capital में जोड़ा जाता है जबकि Net Loss जो आता है उसे Capital से Less या घटाया जाता है। तो इसलिए Profit and Loss Account prepare किया जाता है।
प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट को आए हुए खाता भी कहा जाता है और इससे प्राप्त प्रॉफिट लॉस को फाइनल बैलेंस शीट में लेकर जाते हैं जिसको के अंतिम खाते भी कहे जाते हैं प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट का यदि क्रेडिट साइड यानी की आय का साइड यदि वह कैसेट से ज्यादा होता है तो घटाने के बाद में जो लाभ निकल कर आता है उसे नेट प्रॉफिट कहते हैं और अगर डेविड साइड ज्यादा होता है यानी कि वह साइड ज्यादा होता है जिसमें व्यय होता है तो हां नहीं निकल कर आती है इसको नेट प्रॉफिट के कैपिटल में जोड़ा जाता है और इससे सुद्ध हानि प्राप्त होती है।