Applicability-
यह बोर्ड मीटिंग और कमेटी मीटिंग मे लागू होता है।
Non applicability-
यह वन पर्सन कंपनी पर लागू नही होता है जिसमे एक डाइरेक्टर होते है। या फिर कोई सेक्शन 8 कंपनी यदि होती है।
महत्वपूर्ण तथ्य–
यह कलेंडर वर्ष के अनुसार 1 जनवरी से सुरू होकर 31 दिसम्बर तक चलता है।
यहा पर नेशनल होलिडे से मतलब गणतन्त्र दिवस यानि की 26 जनवरी ,15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस ,2 अक्तूबर गांधी जयंती और वह दिन जो सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा बताया गया हो।
यहा पर कमेटी से मतलब डाइरेक्टर की कमेटी से है जो की बोर्ड द्वारा निर्वाचित किया जाता है।
सेक्रेटरियल ऑडिट से मतलब ऐसे ऑडिट जो कि किसी कंपनी सेक्रेटरी दावरा या कंपनी सेक्रेटरी के फ़र्म के द्वारा जो कि प्रैक्टिस मे हो उनके द्वारा ऑडिट कराया जाये।
टाइम स्टम्प से मतलब ऐसे समय से है जो कि कम्प्युटर द्वारा फ़ाइल पर रेकॉर्ड कर लिया जाता है और यदि कोई डाटा डिलीट हो जाता है या फिर कुछ सेंड या रिसीव करना है तो टाइम के अनुसार डाटा को रिकवर कर लिया जाता है।
मीटिंग को कैसे कराया जाये-
कंपनी के किसी भी डाइरेक्टर के द्वारा किसी भी समय मीटिंग के लिए बोर्ड मे प्रस्ताव किया जा सकता है। चाहे वह कंपनी सेक्रेटरी हो या फिर नही हो, कोई भी व्यक्ति जो कि बोर्ड दावरा निर्वाचित किया गया हो इसका कार्य कर सकता है। कोई भी डाइरेक्टर यदि नही है तो chairperson के सलाह पर मैनिजिंग डाइरेक्टर या फिर होल टाइम डाइरेक्टर मीटिंग को करा सकता है।
दिन ,समय ,स्थान ,तरीका और मीटिंग का सिरियल नंबर –
प्रत्येक मीटिंग का एक सिरियल नंबर होता है। कंपनी जब मीटिंग का मिनट बनाती है तो वह उसपर सिरियल नंबर डालती है।
बोर्ड मीटिंग नोटिस के अनुसार किसी भी समय और कही भी हो सकती है।
बोर्ड मीटिंग का नोटिस-
सभी तरह के मीटिंग के लिए सभी डाइरेक्टर को लिखित रूप मे अजेंडा देना होता है जिसको नोटिस कहते है जिसका प्रारूप इस तरह से है।
नोटिस किसी को उसके हाथ मे या फिर स्पीड पोस्ट के द्वारा या फिर रजिस्टर्ड पोस्ट के दावरा दिया जा सकता है।
नोटिस को किसी भी एलेक्ट्रोनिक तरीके से भी भेजा जा सकता है जैसे कि मेल या फिर फ़ैक्स के दावरा।
नोटिस सभी डाइरेक्टर को भेजना अनिवार्य होता है उसमे मीटिंग का अजेंडा भी लिखा होता है।
जब कंपनी नोटिस या अजेंडा को स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से भीजती है तो उसमे 2 दिन बढ़ा देती है।
जब कंपनी द्वारा कम समय मे नोटिस भेजी जाती है तो डाइरेक्टर को किसी भी तरह मीटिंग की जानकारी देना नोटिस पाहुचने के बराबर होता है।
कंपनी के द्वारा नोटिस भेजने और रिसीव करने का रेकॉर्ड तैयार किया जाता है।
कोई भी ऐसा सब्जेक्ट जो की अजेंडा मे नोटिस भेजते समय नही लिखा गया था। उसको chairperson के द्वारा और मेजोरिटी ऑफ डाइरेक्टर के कहने पर मीटिंग मे लिया जा सकता है।
यदि किसी डिसिजन मे कंपनी को कुछ परिवर्तन करना है तो उसको वही पर मेजोरिटी ऑफ डाइरेक्टर से पास करा कर किया जा सकता है यदि वह एक बार approved हो गया तो फिर उसको परिवर्तित नही किया जा सकता है।
किसी भी डाइरेक्टर की अनुपस्थित उस समय मान ली जाएगी जब वह नोटिस भेजने के तुरन बाद बोर्ड के डाइरेक्टर या कंपनी या फिर chairperson को अनुपस्थित होने के बारे मे सूचित कर दे।
Address for sending the notice to director-
कोई भी वह एड्रैस चाहे वह पोस्टल एड्रैस हो या फिर मेल एड्रैस जो की कंपनी के रजिस्टर मे लिखित हो कंपनी उसपर डाइरेक्टर को नोटिस भेज सकती है। कंपनी नोटिस भेजने का प्रूफ अपने पास रखती है। नोटिस मे सिरियल नंबर,डेट ,टाइम, और पूरा एड्रैस लिखा होता है। यदि कोई डाइरेक्टर यह बताता है की उसको नोटिस किस रूप मे प्राप्त करना है तो कंपनी को उसके अनुसार नोटिस भेजना होता है।
बोर्ड मीटिंग की नोटिस किसके द्वारा इशू किया जाता है-
किसी भी कंपनी के कंपनी सेक्रेटरी द्वरा नोटिस इशू की जाती है यदि कंपनी सेक्रेटरी नही है तो बोर्ड द्वारा कहे गए किसी भी व्यक्ति द्वारा नोटिस इशू किया जा सकता है।
इसमे नोटिस भी 2 प्रकार के होते है।
नॉर्मल नोटिस
शोर्टर नोटिस
नॉर्मल नोटिस–
इसमे नोटिस अजेंडा या नोट्स ऑफ अजेंडा को मीटिंग के 7 दिन पहले दिया जाना चाहिए । या फिर आर्टिक्ल ऑफ असोशिएशन के अनुसार जैसा लिखा होता है उस अनुसार दिया जाना चाहिए।
यदि कंपनी नोटिस को स्पीड पोस्ट ,रजिस्टर्ड पोस्ट या नॉर्मल पोस्ट के द्वारा भेजती है तो उसमे 2 दिन और बड़ा कर भेजा जाता है।
कंपनी आरिजिनल डाइरेक्टर को नोटिस उसके द्वारा लिखित कंपनी के रजिस्टर के एड्रैस पर भेजती है।
शोर्टर नोटिस–
किसी अर्जेंट बिज़नस पर बात करने के लिए तत्काल मीटिग बुलाया जा सकता है। उसके लिए शोर्टर नोटिस भेजा जाता है।
यदि कोई इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर है तो उसको नोटिस भेजना अनिवार्य होता है।
यदि इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर उपस्थित नही है तो वह सभी डाइरेक्टर मे इन्फॉर्मेशन को भेज दी जाती है उसमे सुधार तभी हो सकता है जब कोई एक इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर उसमे सुधार करे।
यदि किसी कंपनी मे इंडिपेंडेंट डाइरेक्टर नही है तो फ़ाइनल डिसिशन मेजोरिटी ऑफ डाइरेक्टर के द्वारा लिया जाएगा।
स्पेशल नोटिस-
यदि किसी कंपनी मे एलेक्ट्रोनिक मोड़ मे नोटिस भेजने की सुविदा है तो नोटिस को एलेक्ट्रोनिक मोड मे भेजना चाहिए। और डाइरेक्टर को इसके बारे मे बता देना चाहिए तथा नोटिस के साथ ही जरूरी इन्फॉर्मेशन भेज देना चाहिए।
यदि एलेक्ट्रोनिक मोड़ के माध्यम से मीटिंग करनी है तो उसकी भी इन्फॉर्मेशन डाइरेक्टर को पहले से ही दे देना चाहिए ।
यदि कोई डाइरेक्टर एलेक्ट्रोनिक मोड़ के मीटिंग का नोटिस मिलने के बाद confirmation नही देता है तो समझना चाहिए की वह फ़िज़िकल मोड मे मीटिंग करना चाहता है।
Participation of director through electronic mode–
डाइरेक्टर को नोटिस के द्वारा पहले से बता देना चाहिए की मीटिंग एलेक्ट्रोनिक मोड मे होगी। और उससे संबन्धित सभी जानकारी डाइरेक्टर को दे देना चाहिए।
यदि डाइरेक्टर एल्क्ट्रोनिक मोड मे मीटिंग करना चाहते है तो वह कंपनी सेक्रेटरी को या फिर chairperson को इसके बारे मे जानकारी देंगे।
डाइरेक्टर साल के सुरुवात मे यह निर्धारित कर लेगा की मीटिंग एलेक्त्र्निक मोड मे होगा।
यह मीटिंग वेडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा नही हो सकता है ।
अन्नुयल फ़ाइनेंष्यल स्टेटमेंट का अप्प्रोवल
बोर्ड रिपोर्ट का अप्प्रोवल
प्रोस्पेक्टुस का अप्प्रोवल
ऑडिट कमेटी की मीटिंग
Amalgamation, merger , demerger takeover आदि से संबन्धित मैटर