समाजवादी कानून से आप क्या समझते है? इसकी विशेषताएँ क्या है।

समाजवादी कानून दुनिया की विकास सील कानून मे से एक है। इस कानून को मार्क्सवादी सिद्धांत के लोगो द्वारा खूब अपनाया गया। सबसे पहले यह चीन द्वारा लोक प्रिय हुआ और व्यौहारिक रूप से अपनाया गया और बाद के 80 दशक के बाद यह अन्य देशो के द्वारा भी अपनाया गया। समाजवादी कानून और सामान्य कानून एक दूसरे से जयदा भिन्न नही है दोनो एक दूसरे के पूरक है। आप यह भी कह सकते हैं की समाज वादी कानून सामान्य कानून से प्रभावित है। 

इस कानून की कई विशेषता है। 

इस कानून को स्थाई नही माना जाता है। 

यह कानून की एक अस्थायी रूप है। इसमे कानून के नियमो को हमेशा के लिए नही बनाया जाता है। इसके अनुसार एक दिन ऐसा आयेगा जब नियम कानून की अवश्यकता नही होगी। जब सभी लोग आर्थिक रूप से सुद्रण होंगे तो नियम और कानून की अवश्यकता नही पड़ेगी। । इसके अनुसार जब समाजवादी कानून को अपनाया जाता है तो परि संपत्ति को किनारे कर दिया जाता है। इसमे पूंजीवाद को खत्म करके समाजवादी विचार धारा को अपनाना पड़ता है। 

कानून प्रणाली  –

कानून प्रणाली  को जानने के लिए सबसे जरूरी है की सबसे पहले कानून को जानते है कानून क्या होता है। हमारे दैनिक जीवन मे भी कानून की बहुत आवश्यकता होती है। यह हमारे जीवन के हर पड़ाव पर जीवन के पहलुयों को प्रभावित करता है।जब बच्चा जन्म लेता है तब से लेकर शिक्षा ,विवाह ,नौकरी और मृतु तक यह सुरक्षा प्रदान करता है। यह हमारे दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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कानून को नियमो और आचरण का समूह भी कह सकते है। यह आचरण का काल्पनिक रूप होता है। यह नियमो और विनिमय का बड़ा स्वरूप होता है। जो न्याय सुविधा और व्योहार के सिद्धांतों पर आधारित है। जो सरकार द्वारा नियम के रूप मे तयार किया जाता है। हम यह भी कह सकते है की कानून एक प्रकार की प्रणाली  है जिसमे सरकार द्वारा संगठित समाज की स्थापना की जाती है। और लोंगों के बीच शांति और व्योवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक होता है।

मानव आचरण के लिए कानून मार्ग दर्शक के रूप मे कार्य करती है। और एक सभ्य समाज की स्थापना करती है। हर एक व्यक्ति कानून को अपने तरीके से समझता है और सबकी  अपनी विचारधारा है। इसलिए कानून को किसी परिभाषा के रूप मे वर्णित नही किया जा सकता है।

यह कानून प्रणाली  समाज को और समाज के लोगो को सुरक्शित करने के लिए कानूनी सिद्धांतों और लोक नियमो का सामुच्य है। यह समाज के लोगो को उनके अधिकार और उनके कर्तव्य को बताती है। और यह बताती है की समाज के लोगो के अधिकार और कर्तव्य को कैसे लागू करेंगे। यह कानूनी प्रणाली  समाज के सामाजिक, आर्थिक राजनैतिक परिस्थितियो पर विचार करती है। और यह निर्धारित करती है की इन नियमो और सिद्धांतों से समाज का निर्माण कैसे होगा। यह समाज को उनके लछ्यो को प्राप्त करने मे सहायक होती है।

लोक कानून-

सभी कानून राज्य हिट मे और लोक मुद्दो पर होना चाहिए यही वजह है की समाजवादी कानून मे निजी हिट कानून सामील नही होता है। सभी कानून को लोक कानून के रूप मे लागू होना चाहिए। जैसे आपराधिक कानून, प्रशाश्निक कानून आदि।

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यहा पर हम कह सकते है की प्रशाश्निक कानून से संबन्धित संवैधानिक कानून से मतलब राज्य हिट के लिए बनाए गए कानून से है। जो राज्य और सरकार की प्रकरती का निर्धारण करता है।

यह सरकार की शक्तियों उनकी क्रियाओ और सीमाओ से संबन्धित होता है।

निजी कानून से मतलब यहा निजी संबंधो के विनिमय से है यह एक नागरिकों का दूसरे नागरिकों के साथ संबंध को दर्शाता है और यह नागरिकों के द्वारा शासित होता है। निजी कानून को या तो खत्म कर दिया गया व लोखित के लिए उसके महत्व को कम कर दिया गया है।

इसका उदाहरण है संपत्ति का अधिकार कानून,संविदा संपत्ति कानून आदि। समाजवादी कानून मे निजी कानून को भी सम्मालित कर दिया गया है और उसको लोक हिट के लिए उपयोगी बना दिया गया है। जैसे स्वतन्त्रता कानून को नियंत्रित कर दिया गया है और संविदा के स्वतन्त्रता को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

विधायिका कानून की समीक्षा नही होगी –

समाजवादी सिधान्त  इस बात को गंभीरता से लेते है की उसमे विधायिका कानून की समीक्षा नही की जा सकती है क्योकि यह लोगो के हिट के लिए बनाई गयी है और यह लोखित मे कार्य करती है। और यह न्यायिक नियंत्रण मे नही आती है। यह न्यायिक निर्णय का एक मात्र स्त्रोत है और यह स्वतंत्र रूप मे है विधायिका ,कार्यपालिका ,न्याय पालिका यह तीनों अलग लग है और इनके कार्य भी अलग अलग है। न्यायिक समीक्षा एक हतियार के रूप मे कार्य करती है सभी देशो के संविधान उसका सर्वोत्तम कानून होता है और न्यायिक कानून उसका समीक्षात्मक हथियार होता है।

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यूरोपीय कानून प्रणाली –

समाजवादी कानून यूरोपीय कानून से प्रभावित हुआ है। समाजवादी कानून के सदस्य उहि है जो पहले माहदीपीय कानून के सदस्य थे और अब वह निजी कानून को छोडकर यूरोपीय कानून को अपना लिया है। इसकी विशेषताओ को इसमे देखा जा सकता है। समाजवादी कानून इससे जुड़ा हुआ है। न्यायधीशों को इसको संशोधित करने की शक्ति प्राप्त नही है। न्यायधीश किसी प्रकार के नियम नही बना सकते है यह नियम के अनुसार निर्णय देते है। इसको सामाजिक और आर्थिक न्याय को संशोधित करने का अधिकार प्राप्त है।

न्यायलाय की प्रक्रिया नकारात्मक नही होती है बल्कि यह कानून को सही रूप देने की प्रक्रिया है यह अन्वेषन करती है। और इसमे कानूनी क्षेत्र को कई भागो मे बाटा गया है। यह एकीक्र्त प्रणाली  है। इसमे वकील को किसी भी क्षेत्र मे जाकर वकालत करने की शक्ति प्राप्त है।

इस प्रकार हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से काननों प्रणाली  क्या है और समाजवादी कानून को बताने का प्रयास किया है यदि कोई गलती हुई हो या आप इसमे और कुछ जोड़ना चाहते है या इससे संबंधित आपका कोई सुझाव हो तो आप हमे अवश्य सूचित करे।

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