कैश फ्लो को हम अलग करतें हैं तो अच्छे समझ में आएगा। कैश का मतलब पैसा और फ्लो का मतलब बहाव यानि के कैश का बहाव। इसको उदाहरण से समझतें हैं:- मान लीजिये आपकी कोई कंपनी है जिसे सुचारु रूप से चलाने के लिए आपको पैसा चाहिए और जब माल बिकता है आपको पैसा मिलता है। यही प्रक्रिया कैश फ्लो कहलाती है यानि कंपनी में आने और जाने वाले कैश को ही कैश फ्लो (Cash Flow) कहतें।
जैसे कि हमने बताया की किसी भी कंपनी का Cash Flow Statement हमें उस कंपनी में आए हुए सभी पैसो और बहार गए हुए सभी पैसो के बारे में जानकारी देता है।
जिस से हम कंपनी की Cash Generate करने की क्षमता को बताता है।
इस का उपयोग हम कंपनी के Valuation (मूल्यांकन) करने में कर सकते है।
किसी भी फर्म की कुशलता को परखने के कई पैमाने है और उन्ही में से एक कैश फ्लो स्टेटमेंट। कैश फ्लो स्टेटमेंट को देखने से आप आसानी से कंपनी की दशा समझ जातें हैं कंपनी किस स्थिति में है लाभ या हानि में। इससे ये साफ़ पाटा चलता है की कंपनी के पास कितनी नकदी आयी और कितनी नकदी गई।
Cash Flow Statement Format :
किसी भी कंपनी का Cash Flow Statement Format को हम में मुख्य तीन भाग में बाट सकते हैं।
Cash Flow From Operating Activity
Cash Flow From Investing Activity
और Cash Flow From Financing Activity
किसी भी कंपनी में होने वाली सभी प्रक्रिया को ऊपर दिए हुए तीन भागो में विभाजित किया जाता है।
1) Operating Activity :
कंपनी अपने मुख्य व्यापर से जुडी कोई भी प्रक्रिया करती है तब, उसे Operating Activity कहा जाता है।
जैसे की Raw Material खरीदना हो गया, Trading के लिए Goods खरीदना , तैयार Products या Service को बेचना।
इनके अतिरिक्त सरकार को Tax चुकाना भी Operating Activity में सामिल है।
इन सभी प्रक्रिया से कंपनी में आए हुए और जो भी गए हुए पैसो को मिलाकर कुल पैसो की स्थिति को Cash Flow From Operating Activities में दिखाया जाता है।
उदहारण के तौर पर
कंपनी XYZ कपड़ों को खरीदकर उसकी Trading करने का व्यापार करती है।
इस साल उसने कुल कपड़ा 100 करोड़ का खरीदा , कुल Sales 150 करोड़ की करी जिस पर उसे कुल मुनाफ़ा 20 करोड़ का हुआ और उसने 6 करोड़ का टैक्स चुकाया।
तो कंपनी XYZ के लिए
Cash Flows From Operating Activity इस प्रकार होगा।
2) Investing Activity :
अगर कंपनी निवेश से जुडी कोई भी प्रक्रिया करती हैl, तो ऐसे प्रक्रिया को Investing Activity कहा जाता है।
जैसे अगर कंपनी ने कोई नई संपत्ति खरीदी या बेचीं और किसी निवेश पर मिला ब्याज , किराए पर दी हुई संपत्ति से मिला हुआ किराया यह सभी प्रक्रिया इसमें सामिल है
जैसे कंपनी राम ने इस साल एक नया Showroom 10 करोड़ में खरीदा , और एक पुराना Showroom 2 करोड़ में बेचा।
इसके अलावा उसे इस साल Fixed Deposit की राशि पर 2 करोड़ रुपए का ब्याज मिला।
यह सभी प्रक्रिया मिलकर उसके लिए Cash Flows From Investing Activity कुछ इस प्रकार होगी।
Cash Flow Statement
3) Financing Activity :
हम जानते है, की कंपनिया मुख्य दो प्रकार से पैसा जुटा सकती है।
शेयर बेचकर (Equity या Preference) या
क़र्ज़ लेकर (Bank या कोई Bond जैसे कुछ Paper जारी कर के).
इन दोनों ही प्रकार से जुडी हुई प्रक्रिया को Financing Activity में सामिल किया जाता है।
जैसे इस साल कंपनी BYZANTINES ने 100 करोड़ रुपए अपने 10 करोड़ शेयर बेचकर जुटाए और बैंक से 5 करोड़ रुपए का क़र्ज़ लिया तो उसके लिए Cash Flow From Financing Activity इस प्रकार होगी।
एक कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट आपको अकाउंटिंग अवधि के दौरान इनफ्लो और आउटफ्लो के बारे में जानकारी देता है. यानि के आपको आसानी से समझ आएगा की कंपनी ने कितना पैसा निकाला और कितना पैसा उसके पास है।
किसी भी फर्म में कैश इनफ्लो और ऑउटफ्लो दोनों ही होते है। कैश इनफ्लो कंपनी में आने वाले पैसों की गतिविधयों को बताता है वही ऑउटफ्लो कम्पनी के अकाउंट से कितना पैसा निकाला उस पर जानकारी देता है।
परिचालन, निवेश और वित्तीय गतिविधियों से उत्पन्न होने वाला कुल नकदी प्रवाह के बारे में जानकारी प्रदान करता है और प्रत्येक से कितनी नकदी में कितना शामिल हुए है। साथ ही, कैश फ्लो स्टेटमेंट इसके बदलाव के पैटर्न को भी रेखांकित करता है।
कैश फ्लो स्टेटमेंट आपको जानकारी देता है की कपंनी कितनी कुशलता से अपने कैश को मैनेज करती है और अपनी देनदारियों के लिए कैसे पैसो का इंतजाम करता है साथ ही कंपनी की जरूरतों के लिए पैसा कहा से लाती है।
कैश फ्लो स्टेटमेंट को तैयार करने के लिए आने और जाने वाले कैश से तैयार किया जाता है।