जहां पर प्रतिफल नहीं वहां पर अनुबंध नहीं Agreement without consideration

हम देखते हैं कि जब अनुबंध की बात आती है तो वहां पर प्रतिफल हमेशा आवश्यक होता है परंतु ऐसा क्यों होता है यह भी हमारे दिमाग में अक्षर आता रहता है यह ₹1 का हो सकता है ₹1000 का भी हो सकता है और यह अनुबंध का हिस्सा1 आ भी हो सकता है जरूरी नहीं है कि यह हमेशा मोदी ग्रुप में ही हो कभी-कभी यह सेवा भाव के रूप में भी हो सकता है अगर हम उदाहरण दे तो मान लीजिए कि आप अपनी कार किसी अपनी सहेली को ₹800000 में बेचना चाहते हैं और आपकी सहेली मूल्य से आपके सहमत है और वह आपको उतने का चेक दे देती है और आप उसको कार की चाबी दे देते हैं तो यह धन का आदान-प्रदान है अनुबंध के प्रतिफल के रूप में है जिससे यह सिद्ध होता है कि दोनों पक्ष में सहमत हैं यानी कि इस प्रतिफल के बिना अनुबंध लागू करने योग्य नहीं था और कोई भी यदि उसको एक दूसरे का प्रस्ताव समझ में नहीं आता तो वह समझौते से बाहर हो सकता था।

कुछ ऐसी भी स्थितियां आती है जहां पर प्रतिफल अनुबंध का अनिवार्य रूप से हिस्सा नहीं होता है परंतु अभी भी यह वैद्य और लागू करने योग्य हो सकता है

 उदाहरण के लिए यदि एक निश्चित कीमत पर भी को कार बेचने का वादा करता है तो बी द्वारा चुकाए जाने वाली जो भी कीमत होगी एक-एक कार बेचने के वादे के प्रतिफल के रूप में होगी।

इसमें यह ध्यान रखना है कि प्रतिफल या तो वचन करता को लाभ या फिर वचन ग्रहीता को हानि हो सकता है। यह मौद्रिक रूप में नहीं होना चाहिए यह एक वादा हो सकता है यह गतिविधि हो सकती है या कुछ करने से विरत भी हो सकता है।

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प्रतिफल के प्रकार

कई प्रकार के प्रतिफल होते हैं जिसको हम अनुबंध में प्रयोग करते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

निष्पादित प्रतिफल एग्जीक्यूटिव प्रतिफल

इस प्रकार का प्रतिफल किसी ऐसी चीज को प्रदर्शित करता है जो कि पहले से ही एक पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष के वादे के रूप में या फिर उसके बदले में या तो दिया जा चुका हो या किया जा चुका है।

उदाहरण 

यदि के द्वारा बी को एक पुस्तक के लिए ₹100 दिया जाता है तो वह एक पुस्तक देने के बी के वादे के प्रतिफल के रूप में ₹100 निष्पादित किए गए हैं।

निष्पादन संबंधी प्रतिफल

इस प्रकार का प्रतिफल किसी ऐसी चीज को प्रकट करता है जिसे करने का वादा किया जाता है या फिर यह कह सकते हैं कि एक पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष को वादे के रूप में दिया जाता है।

उदाहरण

यदि एबी को 2 महीने बाद एक किताब देने का वादा करता है जो कि ₹100 की है तो वह ₹100 का भुगतान करने का वादा ए को किताब देने के बी के वादे के लिए निष्पादन संबंधी प्रतिफल हो गया है।

विगत प्रतिफल

इस प्रकार का प्रतिफल किसी ऐसी चीज को प्रकट करता है जो कि अनुबंध किए जाने से पहले किया गया था और इसे वैध प्रतिफल के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है।

यदि ने पिछले सप्ताह दी को किसी भी प्रकार से मदद की और बी ने इसके लिए एक को ₹100 देने का वादा किया था तो एक ही द्वारा पिछले सप्ताह जो भी सहायता प्रदान की गई थी वह विगत प्रतिफल है और इसे वैध प्रतिफल के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

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अवैध प्रतिफल

इस प्रकार का प्रतिफल कुछ ऐसा करने के वादे को प्रदर्शित करता है जो कि कानून के द्वारा वर्जित या फिर दंडनीय है।

 यदि ए के द्वारा भी सही है वादा किया जाता है कि ₹100 के बदले में सी के घर में आग लगा दे इस प्रकार का वादा अवैध है और ऐसा करने का वादा अवैध प्रतिफल के अनुरूप आएगा।

भ्रम पूर्ण प्रतिफल 

इस प्रकार का प्रतिफल ऐसे वादे को प्रकट करता है जो कि क़ानूनी रुप से बाध्यकारी नहीं होता है।

यदि एबीसी यह वादा करता है कि वह तब तक कुछ करेगा जब तक कि वह चाहता है तो वादा एक भ्रम पूर्ण प्रतिफल है।

 प्रतिफल की प्रकृति

प्रतिफल की प्रकृति विशेषताओं या गुणों को संदर्भित करती है जो कि एक अनुबंध में वैद्य और लागू करने के योग्य बनाती है भारतीय अनुबंध अधिनियम अट्ठारह सौ बहत्तर के अनुसार प्रतिफल को बदले में कुछ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसका अर्थ यह होता है कि अनुबंध के वैध होने पर पक्षों के बीच कुछ मूल्य का आदान-प्रदान होना आवश्यक है जिसको प्रतिफल कहा जाता है।

प्रतिफल कानूनी होना चाहिए।

हम यह कह सकते हैं कि प्रतिफल एक निश्चित मूल्य या फिर उपयोगिता का होना चाहिए और प्रतिबल कुछ ऐसा होना चाहिए जो अवैध या सार्वजनिक नीति के विरुद्ध ना हो।

प्रतिफल पर्याप्त होना चाहिए और यह वचन करता के अनुरोध पर दिया जाना चाहिए।

 प्रतिफल को वचन ग्रहीता से आना चाहिए।

भारतीय अनुबंध अधिनियम अट्ठारह सौ बहत्तर की धारा 25 इस नियम के लिए प्रदान करती है कि प्रतिफल के बिना समझौता शून्य होता है जबकि वह लिखित और पंजीकृत हो या फिर किसी बात के लिए प्रति कर देने का वचन हूं या फिर सीमा कानून द्वारा वर्जित किसी ऋण के भुगतान करने का वादा हो।

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