LLB की सम्पूर्ण जानकारी, एलएलबी का फुल फॉर्म क्या होता हैं, LLB क्या हैं

Higher education सिस्टम मे मूलतः 2 तरह के कोर्स होते है। Professional Courses और Traditional Courses. Traditional Courses के अंतर्गत Arts, Humanities जैसे Courses आते है। वहीं Professional courses के अंतर्गत LLB, B.Tech. इत्यादि जैसे courses आते है।

आपको ज्ञात करा दे की एलएलबी को लोग bachelor of law कहते हैं। एलएलबी का फुल फॉर्म bachelor of  legislative Law होता हैं। यह 3 साल का ग्रेजुएट प्रोग्राम होता हैं जो विभिन्न विश्व विद्यालय और लॉं संस्थान द्वारा कराया जाता हैं। इसके अलावा यह 5 साल का अंडर ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम भी होता हैं जो की 12 के बाद किया जाता हैं।जो लोग लॉं judiciary मे जाना चाहते हैं उनके लिए 3 साल का पोस्ट ग्रेजुएट अच्छा विकल्प हैं।

हमारे देश मे लगभग 1600 लॉं कॉलेज हैं जिनमे से कुछ विशेष कॉलेज और university विश्व प्रसिद्ध हैं। जैसे की NLSIU,NALSAR, university of delhi ,Gujrat national law university ,BHU आदि हैं।

LLB FULL FORM- bachelor of law

LLB DURATION- 3 साल की एलएलबी

                 5 साल की एलएलबी

3 साल की एलएलबी –

3 साल की एलएलबी मुख्यता ग्रेजुएशन के बाद होता हैं। कुछ ऐसे universities हैं जो की entrance exam के बाद इसमे प्रवेश देते हैं। कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जो की ग्रेजुएशन के मार्क्स के अनुसार भी प्रवेश दे देते हैं। 3 साल की एलएलबी मुख्यता BHU,DU,CSJM आदि यूनिवरसिटि कराती हैं। 3 साल की एलएलबी मुख्यता 6 सेमेस्टर मे बाटे गए होते हैं।

5 साल की एलएलबी-

5 साल की एलएलबी मुख्यता 12 के बाद होती हैं इसके लिए कई प्रकार की प्रवेश परीक्षा होती हैं जैसे की CLAT ,AILET आदि। बीसीआई ने 5 साल की एलएलबी के लिए 20 साल की उम्र सीमा तय की थी जो बाद मे सुप्रीम कोर्ट द्वरा 22 साल कर दिया गया। इसमे छात्र BALLB,BCOM LLB,BSC LLB,BBA LLB,BA LLB (HONS),BCOM LLB(HONS),BBA LLB(HONS) कर सकते हैं। इसमे एलएलबी के साथ ही ग्रेजुएशन की डिग्री भी मिलती हैं।

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LLB ELIGIBILITY-

3 साल के एलएलबी के लिए-

3 साल के एलएलबी के लिए मुख्यता ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।

अलग अलग संस्थान द्वारा एलएलबी प्रवेश के लिए मिनिमम मार्क्स भी निर्धारित किए गए हैं।

जहा वह मार्क्स के अनुसार मेरिट पर एड्मिशन लेते हैं।

इसके लिए कोई उम्र सीमा निर्धारित नही किया गया हैं।

अगल अलग यूनिवर्सिटी  अपना एंट्रैन्स एक्जाम कराती हैं। 

5 साल के लिए-

नेशनल यूनिवर्सिटी 3 साल का एलएलबी कोर्स नही कराती हैं वह केवल 5 साल का एलएलबी कोर्स कराती हैं जो की अंडर ग्रेजुएट लेवल का होता हैं। इसके लिए entrance एक्जाम देना होता हैं जैसे की CLAT,AILET,SET आदि। इसके लिए 12 मे 50% मार्क्स होना आवश्यक हैं। यह 5 साल का कोर्स होता हैं और 10 सेमेस्टर मे बाटा गया होता हैं।

LLB SUBJECT- llb के subjects जो की सभी मे कॉमन हैं वह इस प्रकार हैं।

Labour law, family law, criminal law, professional ethics, constitutional law, law of tort, consumer protection act, law of evidence, environment law, international law, human right, property law, administrative law, company law, land law , securities law, civil procedure law, interpretation of statutes ,insurance law आदि हैं इसके अलावा कुछ सुब्जेक्ट्स optional भी होते हैं जैसे की इकनॉमिक लॉं, कांट्रैक्ट लॉं ,ट्रस्ट लॉं, आदि ।

LLB ADMISSION- जैसा की पहले बताया गया हैं कि एलएलबी मे एड्मिशन के लिए एंट्रैन्स टेस्ट पास करना होता हैं। इसके लिए कई प्रकार के एक्जाम कराये जाते हैं जैसे कि-

CLAT

LSAT

KLEE

ULSAT

MHCET

AILET

इसके अलावा भी विश्वविध्यालय अपने अपने एंट्रैन्स एक्जाम करती हैं जो इससे अलग होते हैं। इस एक्जाम मे मुख्यता जिस सब्जेक्ट से प्रश्न पुछे जाते हैं वह निम्न हैं।

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General knowledge

English

Mathematics

Logical reasoning

Legal aptitude

यह मुख्यता 150 मार्क्स का एक्जाम होता हैं जिसके लिए 2 घंटे का समय सीमा निर्धारित होती हैं। इसमे नेगेटिव मर्किंग भी होती हैं।

LLB JOBS- एलएलबी करने के बाद आपके पास कई विकल्प मौजूद होता हैं। कुछ लोग प्रैक्टिस करने लगते हैं । तो कुछ लोग आगे एलएलएम की पढ़ाई मे लग जाते हैं, कुछ सरकारी नौकरी की तलाश सुरु कर देते हैं आइये देखते हैं एलएलबी के बाद आप कौन कौन से जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

एलएलबी के बाद आप इन क्षेत्रो मे जा सकते हैं।

बैंक- बैंक मे समय समय पर लीगल वेकेंसी निकलती रहती हैं जैसे कि legal advisor, depty legal manager ,legal manager आदि। इसके लिए आपको एलएलबी या एलएलएम कि डिग्री होना आवश्यक होता हैं। आजकल गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों बैंक लीगल advisor रखती हैं।

जज- एलएलबी करने वाले जायदातर छात्रो का सपना जज बनने का होता हैं। जज बनने के 2 तरीके होते हैं।

एलएलबी के बाद पीसीएस जे एक्जाम क्लियर करना होता हैं, और दूसरा तरीका होता हैं कि वह 7 साल तक आदिवक्ता के रूप मे कार्य करते हुए HJS एक्जाम पास करे ।

अधिवक्ता

सरकारी संस्था – कई छात्रों को सरकारी विभाग से बहुत लगाव होता हैं तो इसके लिए आप एलएलबी करने के बाद सरकारी विभाग के लीगल फॉर्म भर कर उसमे जा सकते हैं जैसे कि-

विधिक प्रबन्धक

कानूनी सलाहकार

कानून एउम न्याय मंत्रालय मे सलाहकार

लीगल चीफ़ जनरल मैनेजर

लीगल जनरल मैनेजर

लीगल ऑफिसर

भारतीय रेलवे मे भी एलएलबी की कई वेकेंसी निकलती हैं। इसके अलावा आप सरकारी अधिवक्ता या लीगल ऍडवाइजर भी बन सकते हैं।

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शिक्षण क्षेत्र- शिक्षण क्षेत्र मे जाने के लिए आपको एलएलबी के बाद एलएलएम करना होगा और फिर आप किसी विषय से पीएचडी करके शिक्षण कार्य कर सकते हैं। आप पीएचडी के लिए क्रिमिनल लॉं, सिविल लॉं, इंटरनेशनल लॉं या फिर बिज़नस लॉं सब्जेक्ट चुन सकते हैं। आप शिक्षण क्षेत्र मे निम्न पद पर जा सकते हैं।

शिक्षक

असिस्टेंट प्रोफेसर

प्रोफेसर

लेक्चरर 

क्लर्क

लॉ डिपार्टमेंट

 कंपनी- सभी कंपनी को लीगल advisor कि आवश्यकता होती हैं। इसके अलावा भी कंपनी मे लॉं ग्रेजुएट के कई जॉब्स होते हैं जैसे- लीगल स्पेसलिस्ट ,लॉं क्लर्क , लीगल ऑफिसर ,कॉर्पोरेट लॉंयर आदि। इसके अलावा कंपनी लीगल ड्राफ्टिंग के लिए भी एलएलबी पास किए व्यक्ति को रखती हैं।

इसके अलावा बीमा कंपनी को भी विधिक सलाहकार की आवश्यकता पड़ती है,क्योकि बीमा कंपनी को अक्सर लेनदेन का सेटेलमेंट करना होता हैं । इसके अलावा वो लीगल मैनेजर , क्लेम मैनेजर ,लीगल सलाहकार की वेकेंसी समय समय पर निकालती रहती हैं।

लीगल जर्नलिस्ट- ये लीगल प्रोसीडिंग्स को कवर करते हैं, ये arbitration court और लीगल एविडेन्स को भी कवर करते हैं।

इसके अलावा कोर्ट मे अधिवक्ता के रूप मे कार्य कर सकता हैं। जिसके लिए पहले किसी वरिस्ट अधिवक्ता के अंडर मे कुछ दिन रह कर कानूनी दाव पेंच सीखना होगा फिर खुद से अधिवक्ता के रूप मे कार्य कर सकते।

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