जी.एस. टी. अथवा गुड्स एवं सर्विस टैक्स का एक परिचय-

जीएसटी का अर्थ –

जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर) होता है। जीएसटी को देश का सबसे बड़ा सुधार कर के रूप मे  इसको  लागू  किया गया है।  जिससे सर्विस टैक्स, सेल्स टैक्स, वैट, एक्साइज ड्यूटी जैसे अप्रत्यक्ष कर से मुक्ति मिल जाएगी और उनकी जगह जीएसटी ले लेगा जिससे  देशभर में एक जैसे सामान पर समान रूप से यह  लागू होगा।

सबसे पहले श्री पी. चिदंबरम ने वर्ष 2006 के अपने बजट भाषण में जी.एस.टी. का जिक्र करते हुए कहा था कि यह  पूरे भारत में एक ही अप्रत्यक्ष  कर 1 अप्रेल 2010 से लगाया जाएगा जिसके तहत केंद्र सरकार इस कर को एकत्र करेगी जिसे केंद्र एवं राज्यों के मध्य बांटा दिया जाएगा।

यह एक ऐसा कर है।  जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।

वस्तु एवं सेवा कर (GST) घरेलू उपभोग के लिये बेचे जाने वाले जायदातार वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला मूल्यवर्द्धित कर है। जिसको  GST का भुगतान उपभोक्ताओं के  द्वारा किया जाता है।  लेकिन यह वस्तुओं और सेवाओं को बेचने वाले व्यवसायों द्वारा सरकार को प्रेषित किया जाता है।

जीएसटी से कई अप्रत्यक्ष कर दूर हो जाते हैं। और जीएसटी लागू होने के बाद वर्तमान में लगने वाले सभी कर हटा दिये गए है।  तो उत्पाद कर, चुंगी कर, बिक्री कर सीईएन वैट, सेवा कर, कुल बिक्री कर आदि नहीं लगेंगे यह सब जीएसटी मे शामिल हो गए है।

जीएसटी का उद्देश्य एक देशऔर  एक कर है। इसमे  सभी राज्यों में एक समान कर लगेगा। जिनसे  राज्यों के बीच होने वाली अस्वस्थ प्रतियोगिता को रोका जा सकेगा। वे लोग जो  एक से अधिक राज्यों के बीच व्यापार करते हैं उनके लिए यह एक अच्छी बात है। जीएसटी उन लोगों को सहायता प्रदान करता है जो अन्य राज्यों में अपनी शाखाएं खोलना चाहते हैं।या कई राज्यो मे व्यापार करते है।

See Also  REGISTRATION ACT 1908 रजिस्ट्रेशन क्या होता है? यह क्यों जरूरी है?

जहा  जीएसटी से उत्पाद की कीमत में कमी आएगी। अत: यह कहा जा सकता है कि उत्पाद की मांग बढे़गी और इस मांग को पूरा करने के लिए पूर्ति होना भी आवश्यक है। इसलिए अधिक पूर्ति तभी होगी जब रोजगार बढ़ाए जायेंगे। और जीएसटी से जीडीपी कम से कम 2 प्रतिशत बढ़ेगी जिसके कारण रोजगार के अवसर भी  उत्पन्न होंगे।

जीएसटी एक देश एक कर नियम का पालन करता है। इसमें सभी 17 करों को एक कर से विस्थापित कर दिया जाएगा। जिसे उतपाद की मांग में वृद्धि होने पर राज्य और केंद्रीय सरकार का कर राजस्व अपने आप ही बढ़ेगा।

यह एक अप्रत्‍यक्ष कर सुधार  नियम है। जिसमे  जो राज्‍यों के बीच से करों की सीमा को दूर करता है तथा यह एक एकल बाजार का निर्माण करता है। जीएसटी के तहत केवल मूल्‍य संवर्धन पर कर लगेगा । और यह  कर का बोझ अंतिम उपभोक्‍ता द्वारा वहन किया जाएगा।

भारत में जीएसटी दर एक गतिशील दर है जिसे आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार बदला जा सकता है।   भारत में जीएसटी दर को 37 वीं काउंसिल बैठक में संशोधित किया गया था। जिसमे  जीएसटी की संरचना सरल और सीधी कि गयी । जीएसटी प्रणाली में पांच स्लैब है। जो कि  एक कर – मुक्त स्लैब, 5% स्लैब, 12% स्लैब, 18% स्लैब और 28% स्लैब।

कर मुक्त वस्तुएं –

सरकार ने कुछ चीज वस्तुओं को जीएसटी कर प्रणाली से मुक्त करने का निर्णय लिया है। जिससे कि  औसत करदाता के लिए रोज़मर्रा जिंदगी की चीजें जैसे की फल, सब्ज़ियाँ, रोटी, नमक, आटा और अखबार आदि  को करों से छूट दी गई है।  सेवा क्षेत्र अंतर्गत जिस होटल के शुल्क एक दिन के 1 हजार से कम है। और इसके अलावा बचत खातों और जन धन योजना पर बैंक शुल्क को जीएसटी से मुक्त किया गया है।

See Also  Income tax क्या होता हैं Individual taxation क्या हैं- Under Income Tax Act 1961

5% टैक्स स्लैब-

5% टैक्स स्लैब मे स्किम्ड मिल्क पाउडर, कोफी, मछली, कोयला, खाद, आयुर्वेदिक दवाएँ, इंसुलिन, काजू, अगरबत्ती, इथेनॉल –  जैव ईंधन जैसे उत्पादों को इसमे शामिल किया गया है। 5% टैक्स स्लैब में सेवाओं के अंतर्गत कुछ छोटे रेस्तरां, रेलवे और हवाई यात्रा, एसी रेस्तरां, नॉन – एसी रेस्तरां और शराब परोसने वाली रेस्तरां को शामिल किया गया है।

12% स्लैब-

इस स्लैब मे सेल फोन, मानव निर्मित यार्ड, पेंटिंग के लिए लकड़ी के तख्ते, फ़ोटोग्राफ़, ब्रास केरोसीन प्रेशर स्टफ, लोहे के बर्तन, दर्पण  फ्रोजेन माँस उत्पादों, मख्खन, सॉसेज, घी, आचार, फलों के रस, नमकीन, टूथ पाउडर, इंस्टेंट फूड मिक्स, छाता, दवा आदि शामिल है।

18%  स्लैब-

इस स्लैब के अंतर्गत  चीनी, कॉर्नफ्लेक्स, पास्ता, पेस्ट्री और केक, डिटर्जेंट, धोने और सफाई के सामान, दर्पण, कांच के बने पदार्थ, सुरक्षा कांच, चादरें, पंप, प्रकाश फिटिंग, कंप्रेशर्स, पंखे, चॉकलेट, ट्रैक्टर, संरक्षित सब्ज़ियाँ, आइसक्रीम, टीवी (68 सेमी तक) शामिल है। कुछ अन्य चीजों में खुशबूदार स्प्रे, हेयर शेवर, लिथियम आयन बैटरी, कृत्रिम फल, ,कुकर, स्टोव, कटलरी, दूरबीन, चश्मे, दूरबीन, तेल पाउडर, कोकोआ मक्खन, वसा, संगमरमर और ग्रेनाइट, पेंट, हेयर कर्लर, हेयर ड्रायर, फर्श में इस्तेमाल होने वाले पत्थर, वैक्यूम क्लीनर, सैनिटरीवेयर, चमड़े के कपड़े, कलाई घड़ी,  डिटर्जेंट और साथ ही कृत्रिम फूल शामिल है।

28% स्लैब –

28% GST स्लैब भारत में सबसे अधिक GST दर है। इसमे मुख्य रूप से लक्जरी वस्तुओं को रखा गया है। जैसे  पान मसाला, डिशवॉशर,ताेलने की मशीन, पेंट, सीमेंट, सनस्क्रीन भी इस स्लैब में शामिल है। इसके सत्थ ही साथ हेयर  क्लिप के साथ – साथ ऑटोमोबाइल और मोटरसाइकिल भी इस स्लैब का हिस्सा हैं।  28% GST की दर 5-सितारा होटलों पर भी लागू होती है । जिस होटल में ठहरने की वास्तविक बिलिंग राशि रु 7500 से अधिक है। इसके अतिरिक्त  मूवी टिकट, कैसीनो में सट्टेबाज़ी के साथ-साथ रेसिंग भी इस स्लैब में शामिल है।

See Also  समामेलन से पूर्व लाभ या हानि (Loss Prior to Incorporation Account) की विधियों का गणना करना

माल  या सेवाओं के किसी आपूर्तिकर्ता जो वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के कुल कारोबार के कर की  आपूर्ति करता है। उसे जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करना आवश्यक है। तथा  विशेष श्रेणी के राज्यों मेंजहा  कुल कारोबार मानदंड 10 लाख रूपये पर निर्धारित किया गया है।

जीएसटी में नए कानून के तहत अब हर माह की 11 तारीख तक जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों को जीएसटीआर-वन दाखिल करना अनिवार्य कर दिया गया है।ऐसा नही करने पर उनको पेनलिटी भी  देना पड सकता है। 

Leave a Comment