Reduction of Share Capital- परिभाषा और जानकारी

Reduction of Share Capital- जैसा की आप सबको पता हैं reduction ऑफ शेयर कैपिटल का मतलब शेयर कैपिटल को कम करना हैं | वैसे तो यह मना होता हैं | मगर कंपनी approval लेकर यह कर सकती हैं | अगर कंपनी की फ़ाइनेंष्यल position अच्छी नही हैं तो कंपनी approvl ले कर अपने बैलेन्स शीट को इफैक्ट कर सकती हैं|और कैपिटल को reduce कर सकती हैं |जब जब reduction होगा creditor और ट्रिबुनल दोनों से approval लेना होगा | अगर हमारी कंपनी का कैपिटल कम कर दी जाए तो हमारे कंपनी का base कमजोर हो जाएगा | जितनी हमारी शेयर कैपिटल हैं उतना हम कही न कही इन्वेस्ट किए होंगे | reduction ऑफ कैपिटल वैसे तो अच्छा नही माना जाता हैं फिर भी कंपनी को कुछ केस मे यह allow कर दिया गया हैं |

यदि कंपनी किसी शेयर होल्डर से 10 रुपये के शेयर मे 8 रुपये मंगाये तो वह paid up कैपिटल भी हो गयी और called up कैपिटल भी हो गयी और अब वह 2 रुपये नही मांगा रही क्योकि उसके पास sufficient capital हो गयी हैं|

या जैसे लॉस ऑफ कैपिटल हुआ तो भी वह reduction of कैपिटल होगा |

इसमे creditor का फ़ंड कम हो जाएगा |जब शेयर की वैल्यू कम हो गयी तो शेयर होल्डर को इफैक्ट करती हैं|

वो कंपनी जिनकी शेयर होती हैं वही कैपिटल reduce कर सकते हैं |इसके लिए कंपनी लिमिटेड बाइ शेयर और कंपनी लिमिटेड बाइ गारंटी अपने शेयर कम कर सकते हैं |

इसके लिए यदि article of association और memorandem of association पर्मिशन देता हैं तो कर सकते हैं नही तो उससे पहले AOA, और MOA को alter करना पड़ेगा|

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इसके लिए हमे स्पेशल रेसोल्यूशन पास करना पड़ेगा |

कैपिटल का वह हिस्सा जो या तो हम ले सकते हैं या जिसको हम ले चुके हैं उसका reduction ही कैपिटल reduction कहलाता हैं|

अगर reduction of कैपिटल मे paid up और uncalled capital शामिल हैं | अगर हम reduction करेंगे तो paid up capital कम होगा |

 अगर uncalled कैपिटल को छोड़ दिया जाए तो वह exetenguishment of capital कहलाता हैं |

अब हम uncalled कैपिटल को कैन्सल करते हैं |

अगर पैसा हमारे पास रखा हैं और अपनी फ़िक्स्ड अससेस्ट्स का utilization नही कर प रहे हैं जबकि उसका कुछ परसेंट कर पा रहे हैं तो उस इनवेस्टमेंट को कही और लगा कर पैसा कमाया जा सकता हैं |तो उस uncalled कैपिटल को कम किया जा सकता हैं और कैपिटल को reduce करके रिटर्न ऑफ कैपिटल reduce कर दिया जाए |जिससे शेयर होल्डेर्स को होल्डिंग कम कर दिया जाए |

 इसमे 2 तरीके हो सकते हैं |

पहला ये की शेयर की वैल्यू कम कर दी जाए|

दूसरा ये की जो पैसा reduce किया हैं कभी वापस लिया जा सकता हैं |

Return of capital with extinguishing rights

रिटर्न of capital without extinguishing rights –

 इसमे डाइरैक्ट लॉस शेयर होल्डेर्स का होता हैं |

जब हम अपने पुराने preliminary expencess और ऐसे अससेस्ट्स जिनकी कोई वैल्यू नही थी उनको balance sheet से हटा दिया |

अब हम आपको बताएँगे कब कंपनी को reduction करने के लिए ट्रिबुनल के पर्मिशन की आवश्यकता नही होती हैं |

जहा पर ऐसे preference शेयर जिसको कंपनी reduce कर रही तो ट्रिबुनल के पर्मिशन की आवश्यकता नही हैं|

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ऐसे शेयर जिसका पैसा अभी नही लिया गया हैं उनका reduction करने के लिए ट्रिबुनल के पर्मिशन की आवश्यकता नही हैं |

ऐसे शेयर जिनका पैसा कंपनी के कई बार मागने पर भी न मिला हो तो ऐसे शेयर को forfeited करने के लिए ट्रिबुनल की आवश्यकता नही हैं |

जब कोई शेयर खुद ही surrender कर रही हैं या कंपनी को गिफ्ट मिलता हैं |तो ट्रिबुनल के पर्मिशन की आवश्यकता नही हैं |

जहा कंपनी खुद के शेयर purchase कर रही हैं तो ट्रिबुनल के consent की आवश्यकता नही हैं |

जब ट्रिबुनल खुद कंपनी को ऑर्डर दे अपने शेयर purchase करने के लिए|

अब आपको बताएँगे कि कहा पर ट्रिबुनल के पर्मिशन की आवश्यकता होती हैं |

सेक्शन 66 के अनुसार कंपनी जिसने मार्केट से पैसे लेकर शेयर इशू किया हैं तो ऐसे कंपनी reduction कर सकती हैं जिसके लिए उसको स्पेशल रेसोल्यूशन पास करना पड़ेगा और उसकी एक कॉपी ट्रिबुनल को भेजना पड़ेगा |

 कैपिटल को 3 प्रकार से reduce कर सकते हैं |

Unpaid कैपिटल के amount को reduce करके

जो कैपिटल उसको नही चाहिए उसको write off करके

जितना हिस्सा कैपिटल का नही चाहिए उसको वापस करके भी कैपिटल को कम किया जा सकता हैं|

 अगर कंपनी को कुछ पे करना हैं तो पहले उसको अपने arears को pay करना पड़ेगा फिर ही शेयर reduction कर सकते हैं |

फिर कंपनी को स्पेशल रेसोल्यूशन पास करना होता हैं |

फिर ट्रिबुनल को एप्लिकेशन देना होता हैं |

ट्रिबुनल  आरओसी, SEBI ,CREDITOR सबको नोटिस देगा अगर इनमे से किसी ने objection किया तो ट्रिबुनल 3 महीने मे उसको सुनेगा |

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ट्रिबुनल शेयर होल्डेर्स , कंपनी और creditor तथा पब्लिक को ध्यान मे रख कर ही एप्लिकेशन senction करेगा |

ट्रिबुनल इससे पहले शेयर होल्डेर्स के हित को देखते हुए कदम उठाएगी जिससे उन्हे कोई नुकसान नही होगा |

Creditor इसपर objection कर सकते हैं यदि कंपनी uncalled कैपिटल को reduce कर रहे हैं |

या फिर paid up कैपिटल का पैसा वापस हो रहा हैं तो creditor objection कर सकते हैं|

यदि कंपनी अपने शेयरहोल्डेर्स को ऐसे शेयर दे रही हैं जिस अससेस्ट्स का creditor पर कोई प्रभाव नही पड़ रहा हैं|

कंपनी ऑर्डर को आरओसी के पास  रजिस्टर कराएगी  | कितने शेयर हैं कितना amount हैं कितने शेयर होल्डेर्स हैं यह सब उसमे लिखा होता हैं |

कंपनी इसको पब्लिश करेगी तथा registrar उसको senction कर देगा उस दिन से ही यह इफैक्ट मे आ जाएगा

और कंपनी अपने शेयर कैपिटल को reduce कर सकती हैं |

इस प्रकार reduction ऑफ कैपिटल किया जा सकता हैं | और अधिक जानकारी के लिए पढ़ते रहिए hindilawnotes.com

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