ऐसे कौन कौन से कार्य हैं जहां कॉपीराइट लागू होता हैं। ऐसे कार्यो का भी वर्णन करे जहां कॉपीराइट लागू नही होता हैं।

ऐसे कार्य जहां कॉपीराइट लागू होता हैं (सेक्शन 13 )-

कॉपीराइट एक्ट 1957 के अनुसार  कॉपीराइट विभिन्न प्रकार के क्लासेज ऑफ़ वर्क में पाये जाते हैं।

 अनुकूल से आशय हैं कि –

किसी नाटक के कृति  का परिवर्तित होना 

किसी साहित्यिक कृति  हो या फिर  कलात्मक कृति  के संबंध में उस कृति को नाटक के रूप में सभी को दिखाना। 

 किसी साहित्यिक या नाट्यकृति के संबंध में उस कृति को जोड़ना या फिर  उस कृति का रूप परिवर्तित कर देना  जिसमें कोई घटना रचित कथा को  चित्र के माध्यम से समाज में दिखाना। 

 किसी संगीतात्मक कृति के रूप में कृति को लेखन के रूप में प्रस्तुत करना। 

 किसी कृति के अनुसार, कृति का उपयोग ऐसे करना की दूसरी कृति निकल कर आये या उसका लोप हो। 

ऐसा कोई कृति जिसमे घर का नया मॉडल तैयार होकर सामने आये। 

 कलात्मक कृति से आशय- 

ऐसे  कोई रंगचित्रया  मूर्ति, रेखाचित्र (जिसमे  आरेख, मानचित्र, चार्ट या रेखांक सम्मलित हो ) कोई बहुत अच्छे चित्र या कुछ अलग जिसमे कलात्मक गुण हो या ना हो। 

जैसे की कोई वास्तुक्रती 

 कलात्मक शिल्पकारिता का कोई उत्कृष्ट कृति 

 रचयिता से आशय है कि-

 साहित्यिक या नाट्यकृति से सम्बंधित उस कृति को रचने वाले व्यक्ति से हैं। 

संगीतात्मक कृति से सम्बंधित संगीतकार 

 फोटोग्राफ से सम्बंधित कृति में  कलाकार

चित्र के सम्बन्ध में चित्र लेने वाला व्यक्ति 

 किसी चलचित्र फिल्म या ध्वनि सम्बंधित वास्तु में निर्माता 

 साहित्यिक, नाट्य, संगीतात्मक या कलात्मक कृति से सम्बंधित ऐसा कुछ  जो कम्पयूटरजनित होता हैं उसको बनाने वाला व्यक्ति 

संकेत ,दवानी,द्रश्य के माध्यम से तरंगे भेजना ।

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जैसे कि 

तार द्वारा –

तार द्वारा सभी को सूचित करना की उसका अगला प्रशारण भी उपलभ्ध हैं

 कलैंडर वर्ष से  आशय जनवरी के प्रथम दिन से सुरु होने वाले वर्ष से हैं।

 चलचित्र फिल्म में  किसी दृश्यांकन से आशय हैं कि इसके अन्तर्गत ऐसे द्रश्य के साथ कोई चलचित्र हैं जिसमे ध्वनि भी सम्मलित हैं और जिसका विस्तारण किया जा रहा हैं।

 वाणिज्यिक किराया के अंतर्गत किसी पुस्तकालय या विद्यालय द्वारा बिना लाभ के  किसी कंप्यूटर प्रोग्राम, ध्वन्यंकन, दृश्यांकन या चलचित्र फिल्म की विधिपूर्वक प्राप्त की गयी  किसी प्रति को किराए पर, पट्टे पर या उधार आदि में देना शामिल नही किया गया हैं ।

इसमें वह विद्यालय ,लाइब्रेरी आती हैं जो लाभ नही कमाती तथा सरकार द्वारा प्राप्त धन या दान से चलती हैं तथा जो  आय-कर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के अधीन कर के संदाय से छूट प्राप्त है।

 सार्वजनिक रूप से संसूचित करनासे आशय – किसी कृति या प्रस्तुतीकरण की ओरिजिनल  प्रतियां उपलब्ध कराने से भिन्न रूप में उसका प्रदर्शन करने  या विस्तारण करने के लिए किसी भी प्रकार से जनता द्वारा उनके घरो या संस्थानों में इसका प्रयोग किया जाना और इस बात को ध्यान में लाए बिना कि जनसाधारण इस प्रकार उपलब्ध कराई गई कृति को लोग देखते या सुनते हैं की नही ।

 किसी संगीतात्मक कृति के संबंध में संगीतकार से आशय उस  व्यक्ति से हैं  जो संगीत की स्वररचना का विस्तार करता हैं तथा  इस बात को ध्यान में लाए बिना करता है कि वह उसे आलेखनीय खुद से रचित कृति को देखता हैं कि नही ।

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 कम्प्यूटर के अन्तर्गत कोई इलेक्ट्रानिक या उसी प्रकार की कोई और वस्तु जिसमें सूचना संसाधन सामर्थ्य उपलब्ध हो ।

 कम्प्यूटर प्रोग्राम से आशय हैं कि  ऐसा अनुदेश समुच्चय हैं  जो शब्दों, कूट शब्दों, स्कीमों या किसी अन्य रूप में प्रस्तुत किया जाता है और जिसके अन्तर्गत ऐसा कोई यंत्र पढने योग्य  माध्यम है, जो कम्प्यूटर से कोई विशेस कार्य कराने या कोई विशेस  परिणाम प्राप्त कराने के योग्य हो।

 प्रतिलिप्यधिकार सोसाइटी से धारा 33 की उपधारा (3) के अधीन रजिस्ट्रीकृत सोसाइटी से आशय हैं कि 

किसी व्याख्यान से सम्बंधित  वाक् प्रस्तुति के अन्तर्गत किसी यांत्रिक उपकरण के माध्यम से अथवा प्रषारण के माध्यम से अपनी बात को प्रस्तुत करना ।

 नाट्यकृति के अंतर्गत खुद से पढने के लिए  के लिए रचनांश, नृत्यरचनाकृति या बिना बोले दर्शाना आदि के  द्वारा मनोरंजन भी शामिल किया गया   है जिसका देखने सुनने का रूप लिखित हैं ।  किन्तु इसके अंतर्गत चलचित्र फिल्म नहीं है;

अनुलिपिकरण उपस्कर में कोई ऐसी युक्ति या प्रयुक्ति को शामिल किया गया हैं  जो किसी कृति की प्रतियां बनाने के लिए प्रयुक्त की जाती है या प्रयुक्त किए जाने के लिए प्रयोग हो सकती हैं।

 उत्कीर्णन के अन्तर्गत निरेखण, शिलामुद्रण, काष्ठचित्रण, प्रिंट और वैसी ही अन्य कृतियां है जो फोटोग्राफ नहीं कहलाती हैं ।

 अनन्य अनुज्ञप्त वह हैं  जो अनुज्ञप्तिधारी की या अनुज्ञप्तिधारी और उसके द्वारा प्राधिकृत व्यक्तियों को (प्रतिलिप्यधिकार के स्वामी सहित) सभी अन्य व्यक्तियों का प्रयोग कर  ऐसा कोई अधिकार प्रदान करती है जो किसी कृति में प्रतिलिप्यधिकार में समाविष्ट है तथा अनन्य अनुज्ञप्तिधारी को उसके कार्य के अनुसार लगाया जाता हैं 

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सरकारी कृत से आशय ऐसे कृति से हैं  जो निम्नलिखित द्वारा या उनके निदेश या नियंत्रण के अधीन बनाई या प्रकाशित की जाती है-

सरकारी विभाग द्वारा 

भारतीय विधान मंडल द्वारा 

न्यायलय या अन्य न्यायिक परधिकरण द्वारा 

 भारतीय कृति से आशय एक ऐसी साहित्यिक, नाट्य या संगीतात्मक कृति से हैं जो प्रयोग में हैं।

जो भारतीय द्वारा रचित हैं ।

जो भारत में प्रथम बार प्रकाशित हुई हैं।

 उस कृति का  रचयिता किसी अप्रकाशित कृति की दशा में ऐसा व्यक्ति जो इसका रचयिता हैं वह भारत का रहने वाला हो ।

 अतिलंघनकारी प्रति से आशय निम्न हैं।

 किसी साहित्यिक, नाट्य, संगीतात्मक या कलात्मक कृति के पुनरुथान से हैं जो चलचित्र फिल्म के रूप में नहीं है;

 किसी चलचित्र फिल्म से सम्बंधित  उस फिल्म की ऐसी प्रति जो किसी भी माध्यम से किसी संचार माध्यम द्वारा तैयार की जाती है।

किसी ध्वन्यंकन से सम्बंधित ऐसे  ध्वन्यंकन को सन्निविष्ट करने वाला कोई ऐसा अन्य ध्वन्यंकन, जो किसी भी माध्यम से तैयार किया जा रहा हो।

किसी प्रोग्राम या प्रस्तुतीकरण से सम्बंधित  जिसमें इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन कोई प्रसारण पुनरुत्पादन अधिकार या प्रस्तुतकर्ता का अधिकार अभी  अस्तित्व में है ऐसे प्रोग्राम या प्रस्तुतीकरण या ध्वन्यंकन अथवा चलचित्र फिल्म,जिसका ऐसा पुनरुत्पादन, प्रति या ध्वन्यंकन, इस अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन में तैयार किया जाता है या आयात किया जाता है।

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