फाइनेंशियल स्टेटमेंट क्या है? इसके उद्देश्य और प्रकार क्या है।

फाइनेंशियल स्टेटमेंट  जिसको की हिन्दी मे हम वित्तीय विवरण भी कहते है। और आमतौर पर यह  वर्ष के अंत में तैयार किए जाते हैं। इनमें मुख्य रूप से व्यवसाय के कामकाज का लेखा जोखा  होता है । यानी व्यवसाय का नकदी प्रवाह, लाभ, विकास आदि से संबन्धित  जानकारी होती है।

किसी भी व्यवसाय में फाइनेंशियल स्टेटमेंट का अपना एक अलग महत्व होता है। इसलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको फाइनेंशियल स्टेटमेंट के बारे में कुछ जरूरी जानकारी प्रदान करेंगे जो महत्वपूर्ण होगी।

इसमें कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन के बारे मे जानकारी प्रदान की जाती है इसके अतिरिक्त  बाजार में उसकी क्या स्थिति है उसके के बारे में जानकारी दी गयी होती है। किसी फाइनेंशियल स्टेटमेंट में आमतौर पर कंपनी की बैलेंस शीट, नकदी प्रवाह का विवरण तथा लाभ और हानि का विवरण उसकी आर्थिक स्थित का विवरण आदि शामिल होता है।

यह स्टेटमेंट मुख्य रूप से कंपनी के कुछ लोगों के  द्वारा  वेरीफ़ाई किया जाता है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट का उपयोग ऋणदाताओं द्वारा किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का भी अंदाजा लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके माध्यम से वह यह निर्धारित करते हैं कि ऐसे व्यावसायिक कंपनी को ऋण देना है या नहीं। फाइनेंशियल स्टेटमेंट का उपयोग निवेशकों के द्वारा यह तय करने में किया जाता है कि कंपनी में निवेश करना सही होगा या नही यह  निवेशक के लिए फायदेमंद होगा या नहीं।

जब एक कंपनी के किसी दूसरी कंपनी में विलय या किसी कंपनी को बेचने और खरीदने की बात होती है। या मरजर  या अमल्गमेसन की बात करते है ।  तो बेचने वाला फाइनेंशियल स्टेटमेंट का उपयोग उस मूल्य का अनुमान लगाने के लिए करता जिसे निवेशकों के सामने पेश किया जाये तथा खरीदार इसके माध्यम से तय करते हैं कि कितने में सौदा करना ठीक होगा।

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कोई भी टैक्स उसकी संपत्तियों और आय पर आधारित होता है और इस प्रकार कंपनी का आय विवरण कंपनी के लिए जरूरी होता है। एक कंपनी के लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट निवेशकों और हितधारकों के साथ संवाद करने का एक तरीका होता है। स्टेटमेंट के माध्यम से इस प्रकार के तथ्यों काज्ञान होना आवश्यक होता है। क्योंकि इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति का पता चलता है और यह शेयरों की कीमतों पर भी असर डालता है।

इसमे निम्न को शामिल किया जाता है।
 व्यापार खाता (Trading account)
 लाभ हानि खाता (Profit and loss account)
 स्थिति विवरण (चिट्ठा) (Balance sheet)

हॉवर्ड तथा अप्टन के अनुसार

 “यद्यपि ऐसा औपचारिक विवरण जो मुद्रा मूल्यों में व्यक्त किया गया हो, वित्तीय विवरणों के नाम से जाना जा सकता है, लेकिन अधिकतम लेखांकन एवं व्यावसायिक लेखक इसका उपयोग केवल स्थिति विवरण तथा लाभ-हानि विवरण के लिए ही करते हैं।”

आर.एन.एन्थोनी (R.N. Anthony) के अनुसार

 “ वित्तीय विवरण से आशय उस विवरण से है जो लेखा अवधि की समाप्ति पर व्यवसाय की वित्तीय स्थिति एवं व्यापारिक क्रियाओं के परिणामों को बताता है।

फाइनेंशियल स्टेटमेंट के उद्देश्य-

कंपनी के कुछ महत्वपूर्ण लोग  जैसे प्राधिकारी, साझेदार या हितधारक को कंपनी की वित्तीय स्थिति और उसकी आर्थिक  स्थिति जानना जरूरी होता है। इसलिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट का उपयोग कंपनी की आर्थिक संपत्ति और देनदारियों को अच्छे से   समझने के लिए किया जाता है।

फाइनेंशियल स्टेटमेंट किसी कंपनी के मुनाफे के बढ़ने और हानि को कम करके और आगे बढ़ने की क्षमता को समझने में मदद करते हैं। शेयरधारक और निवेशक निवेश निर्णय लेने के लिए इस खाता  का उपयोग करते हैं। इसका उपयोग कंपनी के आंतरिक कामकाज को समझने के लिए भी किया जाता है।

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यह कंपनी के प्रबंधन की दक्षता को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि कंपनी मुनाफे को बढ़ाने और विकास के लिए कैसा प्रदर्शन कर रही है। तथा अभी इसमे कितना और क्या आवश्यक है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट का उपयोग कंपनी के  द्वारा उपयोग की जाने वाली लेखांकन पॉलिसी का अंदाजा लगाने के लिए भी किया जाता है।क्या यह सही है या नही जो अनुमान लगाया गया था वह प्रभावी है या नही।

निवेशक कंपनी के नकदी प्रवाह की जानकारी प्राप्त करने के लिए भी फाइनेंशियल स्टेटमेंट का उपयोग कर सकते हैं। यह डेटा मुख्य रूप से निवेशकों और लेनदारों द्वारा कंपनी की तरलता और नकदी आवश्यकताओं के संदर्भ के रूप में उपयोग किया जा सकता है। कम्पनी जैसे कुछ  संगठन  जैसे फ़र्म ,कंपनी आदि मे में वित्तीय विवरण तैयार करना एक वैधानिक आवश्यकता होती है। अत: इन वैधानिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी वित्तीय विवरण तैयार किये जाते हैं।

कुछ संस्था ऐसे भी होती है जो संस्था के सामाजिक दायित्व की पूर्ति को प्रदर्शित करती है। उनके लिए विवरण तैयार करना आवश्यक होता है।

फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स के प्रकार-

चिट्ठा या स्थिति विवरण (Balance Sheet)
लाभ-हानि खाता या आय विवरण (Profit and Loss Account of Income Statement)
कोष प्रवाह विवरण (Fund Flow Statement)
रोकड़ प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)

चिट्ठा या स्थिति विवरण (Balance Sheet) –

यह विवरण किसी निश्चित तिथि पर तथा किसी कंपनी या फर्म की संपत्ति और देनदारियों को दर्शाने वाली रिपोर्ट को कंपनी की चिट्ठा या स्थिति विवरण बैलेंस शीट के रूप में जाना जाता है।किसी भी कंपनी का चिट्ठा या स्थिति विवरण बैलेंस शीट लाभ और हानि स्टेटमेंट के बाद ही तैयार की जा सकती है। जिसमें व्यापार की पूँजी, ऋण, सम्पति एवं जायदादआदि की  समस्त देनदारों व लेनदारों के खातों का शेष होता  हैं इसलिए इसे व्यापार का संक्षिप्त आर्थिक विवरण कहा गया है। स्थिति विवरण एक निश्चित समय पर किसी चालू व्यवसाय की वित्तीय की तस्वीर है।

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लाभ-हानि खाता या आय विवरण (Profit and Loss Account of Income Statement) –

लाभ और हानि  जिसको (पी एंड एल) भी कहते है यह  एक वित्तीय विवरण है जो निर्दिष्ट अवधि के दौरान  आमतौर पर एक वित्तीय तिमाही या वर्ष के दौरान होने वाले राजस्व, लागत और खर्चों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है। P & L स्टेटमेंट इसका पर्याय है आय का विवरण।तथा  ये रिकॉर्ड किसी कंपनी की क्षमता या राजस्व में वृद्धि, लागत को कम करने या दोनों को कम करने में असमर्थता के बारे में जानकारी देते है।

कोष प्रवाह विवरण (Fund Flow Statement)-

यह एक विशेष तिथि पर धन के स्रोतों और अनुप्रयोगों आदि को प्रदर्शित करता है। फंड फ्लो स्टेटमेंट  या कोष प्रवाह विवरण को तैयार करने से पहले कार्यशील पूंजी में बदलाव का विवरण तैयार किया जाता है।जो की  यह दो लेखा अवधि के बीच वित्तीय स्थिति में परिवर्तन का पता लगाने के लिए प्रस्तुत किया गया है।

रोकड़ प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)-

रोकड़ प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement) यह  कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थिति को संक्षेप में प्रस्तुत करता है । तथा यह कंपनी के कैश बैलेंस में हुए बदलाव को प्रदर्शित करता है।

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