भारतीय दंड संहिता धारा 261 से 268 तक का विस्तृत अध्ययन

जैसा कि आप सभी को ज्ञात होगा इससे पहले की पोस्ट मे भारतीय दंड संहिता धारा 260  तक का विस्तृत अध्ययन करा चुके है यदि आपने यह धाराएं नहीं पढ़ी तो आप उनको पढ़ लीजिये जिससे आपको आगे की धाराएं समझने में आसानी होगी।

धारा 261 –

इस धारा के अनुसार  सरकार को हानि कारित हो इस आशय से उस पदार्थ पर से जिस के ऊपर  सरकारी स्टाम्प लगा हुआ है।  लेख मिटाना या दस्तावेज से वह स्टाम्प हटाना जो उसके लिए उपयोग में लाया गया है। जो कोई कपटपूर्वक कार्य करता है और  यह कार्य इस आशय से कि सरकार को हानि कारित की जाए। तथा  किसी पदार्थ पर से, जिस पर सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित कोई स्टाम्प लगा हुआ हो ।

किसी लेख या दस्तावेज को, जिसके लिए ऐसा स्टाम्प उपयोग में लाया गया हो, हटाएगा या मिटाएगा या किसी लेख या दस्तावेज पर से उस लेख या दस्तावेज के लिए उपयोग में लाया गया स्टाम्प इसलिए हटाएगा कि ऐसा स्टाम्प किसी भिन्न लेख या दस्तावेज के लिए उपयोग में लाया जाए  तो वह 3  वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

धारा 262  –

इस धारा के अनुसार जिस सरकारी स्टाम्प का पहले प्रयोग हो चुका हो उसका फिर से प्रयोग करना आदि को बताया गया है। जो कोई कपटपूर्वक या  फिर इस आशय से कि सरकार को हानि कारित की जाए की सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित किसी स्टाम्प को जिसके बारे में वह जानता है कि वह स्टाम्प उससे पहले उपयोग में लाया जा चुका है। या फिर  किसी प्रयोजन के लिए उपयोग में लाएगा तो वह 2 वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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धारा 263   –

इस धारा के अनुसार  स्टाम्प के उपयोग किए जा चुकने के द्योतक चिन्ह का छीलकर मिटाना बताया गया है। जो कोई कपटपूर्वककार्य करता है।  या इस आशय से कि सरकार को हानि कारित की जाए सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित स्टाम्प पर से उस चिन्ह को छीलकर मिटाएगा या हटाएगा।  

जो ऐसे स्टाम्प पर यह द्योतन करने के प्रयोजन से कि वह उपयोग में लाया जा चुका है।  लगा हुआ या छापित हो या ऐसे किसी स्टाम्प को जिस पर से ऐसा चिन्ह मिटाया या हटाया गया हो। उसको यह  जानते हुए अपने कब्जे में रखेगा या बेचेगा या व्ययनित करेगा।  या ऐसे किसी स्टाम्प को जिसको   वह जानता है कि उपयोग में लाया जा चुका है।  बेचेगा या व्ययनीत करेगा तो वह 3  वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

धारा 264  –

इस धारा के अनुसार तोलने के लिए खोटे उपकरणों का कपटपूर्वक उपयोग को बताया गया है। जो कोई तोलने के लिए ऐसे किसी उपकरण का जो की   खोटा होना वह जानता है। यदि  कपटपूर्वक उसका  उपयोग करेगा। तो वह 1  वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

धारा 265 –

इस धारा के अनुसार जब कोई किसी खोटे बाट का या लम्बाई या धारिता के किसी खोटे माप का कपटपूर्वक उपयोग करेगा या किसी बाट का जिसकी  लम्बाई या धारिता के किसी माप का या उससे भिन्न बाट या माप के रूप में कपटपूर्वक उपयोग करेगा । तो वह 1  वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

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धारा 266-

इस धारा के अनुसार खोटे बाट या माप को कब्जे में रखना आदि को बताया गया है। जो कोई तोलने के ऐसे किसी उपकरण या बाट को, या लम्बाई या धारिता के किसी माप को, जिसका खोटा होना वह जानता है। तथा  इस आशय से कब्जे में रखेगा कि उसे कपटपूर्वक उपयोग में लाया जाए तो वह 1  वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

धारा 267-

इस धारा के अनुसार  जो कोई तोलने के ऐसे किसी उपकरण या बाट को जिसकी  लम्बाई या धारिता के ऐसे किसी माप को जिसका खोटा होना वह जानता है। और  इसलिए कि उसका खरे की तरह उपयोग किया जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए कि उसका खरे की तरह उपयोग किया जाए या  बनाएगा या  बेचेगा या व्ययनित करेगा। वह 1  वर्ष तक के कारावास जो साधारण या कठोर या आजीवन कारावास  हो सकता है । या फिर जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

धारा 268-

इस धारा के अनुसार सार्वजनिक उपद्रव को बताया गया है।
इस धारा के अनुसार ‘सार्वजनिक’ शब्द में जनता का कोई भी वर्ग या कोई समुदाय शामिल होता  है। यह  एक विशेष इलाके में रहने वाला एक वर्ग या समुदाय ‘सार्वजनिक’ शब्द के भीतर आ सकता है। जिस प्रकार   ‘जनता’ शब्द का अर्थ मानव जाति या किसी राष्ट्र, राज्य या समुदाय का सामान्य निकाय है। इसमें जनता का कोई भी वर्ग शामिल है।  

भले ही वह जितना भी छोटा हो लेकिन फिर भी इतना बड़ा हो कि एक वर्ग बन सके और जो केवल एक व्यक्ति की संभावना को व्यक्त करता है। तो फिर, ‘समुदाय’ शब्द का प्रयोग यहां ‘सार्वजनिक’ के साथ एक दूसरे के स्थान पर किया जाता है । और एक समुदाय के रूप में किसी दिए गए सिद्धांत पर एकजुट पुरुषों का एक संप्रदाय, जाति या निकाय शामिल हो सकता है। एक विशेष इलाके में रहने वाला एक वर्ग या समुदाय ‘सार्वजनिक’ शब्द के अंतर्गत आता है।
इसमे निम्न को शामिल किया गया है।

See Also  भारतीय दंड संहिता धारा 269 से 274 तक का विस्तृत अध्ययन

गलियों में आतिशबाजी करना

 विस्फोटकों का भंडारण करना

 सड़कों पर गड्ढे खोदना

 अवैध शराब प्रतिष्ठान करना

 वेश्यावृत्ति घर

 शातिर एवं खतरनाक कुत्तों को आश्रय देना

 बिना लाइसेंस वाले मेडिकल प्रैक्टिशनर

 जल धाराओं को प्रदूषित करना

 राजमार्गों को बाधित करना
आदि आता है। 

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